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राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर जल संकट के बीच, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को आम आदमी पार्टी की आलोचना की। साथ ही उन्होंने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार पर पानी की कमी के मुद्दे को पड़ोसी राज्यों पर दोष मढ़ने के मौके के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। दिल्ली सरकार से अपनी पानी की जरूरतों के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों के साथ सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करने के लिए कहते हुए, सक्सेना ने कहा, “किसी भी जनरल ने कभी भी अपनी सेना से लड़कर युद्ध नहीं जीता है।”
इसके बाद उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से चुनी गई सरकार की दुश्मनी उसके अपने अधिकारियों तक फैल जाती है और इस तरह वो अपने राजनीतिक नेतृत्व की नाकामी से ध्यान भटकाती है।
LG ने जारी किया आधिकारिक बयान
एक आधिकारिक बयान में, दिल्ली LG ने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में GNSTD के मंत्रियों की तीखी बातचीत, अलग-अलग स्तरों पर परेशान करने वाली और संदिग्ध रही है। उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण राष्ट्रीय राजधानी में पीने के पानी की सप्लाई एक चुनौती बन गई है। दिल्ली के राजनीतिक नेताओं ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के एकमात्र मकसद से, पड़ोसी राज्यों पर दोषारोपण करने के लिए संकट को मौके में बदल दिया है।”
उन्होंने आगे दावा किया कि इससे दिल्ली के निवासियों की समस्याएं और बढ़ गई हैं और पड़ोसी राज्य नाराज हो गए हैं, जो खुद पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
सक्सेना ने ये भी बताया कि दिल्ली उत्तर प्रदेश और हरियाणा से पीने के पानी की सप्लाई पर निर्भर है और अंतरराज्यीय जल बंटवारे की व्यवस्था भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से बनाए गए संस्थागत तंत्र के जरिए से तय की जाती है। उन्होंने ये भी कहा कि राज्य इस ढांचे के तहत हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार पानी छोड़ने के लिए बाध्य हैं।
शहर सरकार ने कोई रास्ता नहीं निकाला
उन्होंने कहा, “साथ ही, शहर सरकार ये सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि शहर भर में बराबर सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए इस जल संसाधन का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल किया जाए। दुर्भाग्य से, न तो शहर सरकार ने वाटर नेटवर्क में सुधार और क्षमता में बढ़ोतरी सुनिश्चित करने में गंभीरता दिखाई है, न ही बातचीत का रास्ता चुना है।”
सक्सेना ने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि पिछले 10 सालों से, AAP सरकार ने वाटर ट्रीटमेंट क्षमता में एक लीटर भी नहीं जोड़ा है, जो उसे अपनी पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार से विरासत में मिली थी। उन्होंने ये भी दावा किया कि पाइपलाइनों की सप्लाई और वितरण नेटवर्क पुराना है और लीक हो रहा है।
आर्थिक सर्वे का दिया हवाला
LG के बयान ने कहा, “DJB को पुरानी लाइनों की मरम्मत और रिप्लेसमेंट में संसाधनों का निवेश करना चाहिए था, जिसके कारण लीकेज और चोरी से बचा जा सकता था। सरकार ने अपने आर्थिक सर्वे में खुद माना है कि दिल्ली में पानी की मात्रा 54% है।”
उन्होंने कहा, “40% पानी बर्बाद हो जाता है। राजनीतिक संरक्षण के तहत “टैंकर माफिया” अवैध टैंकरों का एक नेटवर्क शहर को नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसा तब हुआ जब हरियाणा अपने हिस्से के पानी की सप्लाई करता रहा।”
उपराज्यपाल ने टैंकरों के पीछे भागने वाले लोगों के ‘हृदय विदारक’ तस्वीरों और पानी की कमी की घटनाओं का भी जिक्र किया और कहा कि ये दृश्य दिल्ली में नया नहीं है।
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