चीन बना रहा है भारत की सीमा के पास बहुत बड़ा बांध! BJP विधायक ने जताई चिंता, कहा- हम अपने पड़ोसी पर भरोसा नहीं कर सकते

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अरुणाचल प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक निनोंग ईरिंग ने राज्य की सीमा के करीब चीन की तरफ से बनाए जा रहे बड़े बांध पर शुक्रवार को चिंता जताई। विधायक ने कहा कि इससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदान होने का खतरा है। उन्होंने केंद्र से इस मुद्दे को चीन के साथ उठाने की अपील की। चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक मेडोग में यरलुंग त्सांगपो नदी पर 60,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता का बड़ा बांध बना रहा है। त्सांगपो नदी को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र के नाम से जाना जाता है। इस नदी की मुख्य धारा बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले बांग्लादेश में प्रवेश करती है, तो इसे जमुना के नाम से जाना जाता है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ईरिंग ने कहा, “हम अपने ‘पड़ोसी’ पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। हम नहीं जानते कि वो कब क्या करेगा। वो पूरी नदी की धारा मोड़कर सियांग को सूखा सकते हैं या पानी छोड़कर नदी की निचली धारा में अभूतपूर्व बाढ़ का कारण बन सकते हैं।’’

भारत की सुरक्षा के बारे में सोचने की जरूरत

उन्होंने कहा कि बांध के निर्माण से न केवल भारत बल्कि बांग्लादेश भी प्रभावित होगा।

अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व राज्यमंत्री ने कहा, “लोगों की सुरक्षा और देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता है। हमारा ध्येय ‘राष्ट्र प्रथम’ होना चाहिए और हमें भारत की सुरक्षा के बारे में सोचने की जरूरत है।”

हालांकि, पासीघाट पश्चिम से विधायक ईरिंग ने इलाके में बाढ़ रोकने के लिए कम जल संचय क्षमता वाले बांध के निर्माण का समर्थन किया। साथ ही बताया कि भारत और चीन के बीच अबतक कोई जल समझौता नहीं हुआ है।

केंद्र ने सियांग नदी पर बड़ा बैराज बनाने का प्रस्ताव किया

बांध विरोधियों के प्रदर्शन का हवाला देते हुए विधायक ने सुझाव दिया कि बांध निर्माण से पहले परामर्श किया जाना चाहिए ताकि लोगों के हितों पर गौर किया जा सके।

उन्होंने कहा कि ‘‘अरुणाचल प्रदेश में जलविद्युत एकमात्र संसाधन है।’’

मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पिछले साल सितंबर में बकाया था कि केंद्र ने सियांग नदी पर बड़ा बैराज बनाने का प्रस्ताव किया है, ताकि यरलुंग त्सांगपो नदी पर बड़े बांध से पैदा होने वाले संभावित खतरे को देखते हुए इलाके को सुरक्षित किया जा सके।

खांडू ने कहा था, “अगर बहुत ज्यादा पानी छोड़ा जाता है, तो हमें बाढ़ से खुद को बचाने के लिए बड़े ढांचे बनाने होंगे। केंद्र ने भी चीन (China) का प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद सियांग नदी की स्थिति के बारे में चिंता जताई है। हमें सियांग को जिंदा रखना है। अगर चीन की तरफ से नदी की धारा मोड़ी जाती है, तो बड़े पैमाने पर भूमि का कटाव होगा।”

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