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Budget 2024: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। नीति आयोग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सिद्धारमैया और स्टालिन दोनों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट में उनके राज्यों की अनदेखी की गई है। केरल और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों ने भी बजट में उनकी अनदेखी करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये दोनों राज्य भी तमिलनाडु और कर्नाटक की राह पर चलेंगे।
मुख्यमंत्री एमके. स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय बजट में राज्य की पूरी तरह से अनदेखी की गई। वह 27 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे। स्टालिन ने बजट को बेहद निराशाजनक करार देते हुए कहा कि चूंकि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है, इसलिए नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करना उपयुक्त होगा।
विरोध-प्रदर्शन का भी ऐलान
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK) के सांसद केंद्रीय बजट को लेकर 24 जुलाई को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे। पीटीआई के मुताबिक, स्टालिन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “तमिलनाडु के अधिकारों को बरकरार रखने के लिए, हम जनता की अदालत में लड़ाई जारी रखेंगे।”
स्टालिन ने बिहार और आंध्र प्रदेश की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘अल्पमत वाली BJP’ को ‘बहुमत वाली BJP’ बनाने वाले क्षेत्रीय दलों को संतुष्ट करने के लिए बजट में कुछ राज्यों के लिए योजनाओं की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने भले ही ऐसी योजनाओं की घोषणा की है, लेकिन इस बात को लेकर संदेह है कि इन्हें लागू किया जाएगा या नहीं। स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के लिए ‘मेट्रो रेल योजना’ की घोषणा की थी, लेकिन इसके लिए (चेन्नई मेट्रो रेल फेस-2) कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई और राज्य को अबतक धोखा दिया जा रहा है।
कर्नाटक के सीएम ने भी जताई नाराजगी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024-25 को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि राज्य की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। सीएम ने कहा, “कर्नाटक की आवश्यक जरूरतों पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में सर्वदलीय सांसदों की बैठक बुलाने के मेरे गंभीर प्रयासों के बावजूद, केंद्रीय बजट ने हमारे राज्य की मांगों की अनदेखी की है। बैठक में शामिल होने वाली केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कर्नाटक के लोगों की चिंताओं को नजरअंदाज किया है। हमें नहीं लगता कि कन्नड़ लोगों की बात सुनी जा रही है, इसलिए नीति आयोग की बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। हमने विरोध के तौर पर 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा, “चूंकि निर्मला सीतारमण कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य हैं, इसलिए हमें उम्मीद थी कि वह राज्य के साथ न्याय करेंगी और राज्य के हितों की रक्षा करेंगी, लेकिन उन्होंने कर्नाटक के लोगों को निराश किया और उनके साथ अन्याय किया।” सिद्धारमैया ने कहा, “इस बजट में निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक को चोंबू (लोटा) थमा दिया। कर्नाटक को कुछ नहीं दिया गया। आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष अनुदान मिला, किसी अन्य राज्य को अनुदान नहीं दिया गया और ऐसा इसीलिए किया गया कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बने रहने के लिए आंध्र प्रदेश और बिहार के समर्थन की आवश्यकता है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट पूर्व चर्चा में राजस्व मंत्री कृष्ण गौड़ा ने भाग लिया था, जिसमें राज्य ने कुछ मांगें रखी थीं, लेकिन उनमें से किसी को भी पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए 5,495 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान की सिफारिश की थी। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इसे “सरकार बचाओ” बजट करार देते हुए कहा कि निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक के लोगों को निराश किया है।
I.N.D.I.A. गठबंधन ने किया विरोध का ऐलान
तेलंगाना के सीएम ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि केंद्रीय बजट में तेलंगाना के साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा, “बजट में तेलंगाना का कोई जिक्र नहीं था। हम इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे और केंद्र को सरकार का विरोध बताएंगे। जब आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत आंध्र प्रदेश को धन आवंटित किया गया था, तो उन्होंने उसी अधिनियम के तहत तेलंगाना के साथ भेदभाव क्यों किया? हम केंद्र द्वारा किए जा रहे इस भेदभाव के खिलाफ अन्य दक्षिणी राज्यों के साथ लड़ेंगे।”
इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को विपक्ष की इस आलोचना को खारिज कर दिया कि सरकार ने बजट में उन राज्यों को विशेष सुविधा दी है, जहां उसके सहयोगी दलों की सरकार हैं। उन्होंने कहा कि जिनके गठबंधन को 230 से सीटें मिली हैं, उन्हें इस पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि केंद्र ने सभी राज्यों को धन मुहैया कराया है।
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विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के घटक दलों ने मंगलवार को फैसला किया कि वे केंद्रीय बजट में विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के साथ किए गए भेदभाव और अन्याय के खिलाफ बुधवार को संसद के बाहर और भीतर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास ’10 राजाजी मार्ग’ पर I.N.D.I.A. गठबंधन के घटक दलों के सदन में नेताओं की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
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