[ad_1]
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने उत्तर प्रदेश में एक धार्मिक सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत होने पर बुधवार को शोक प्रकट किया। भारत में रूसी दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, “रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर प्रदेश में भगदड़ मचने की घटना पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शोक संदेश भेजा: कृपया उत्तर प्रदेश में हुई दुखद दुर्घटना पर हार्दिक संवेदना स्वीकार करें।”
किशिदा ने अपने शोक संदेश में कहा कि उन्हें ये जानकर गहरा दुख हुआ कि उत्तर प्रदेश में हुई भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई।
जापान के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए संदेश में उन्होंने कहा, “मैं जापान सरकार की ओर से पीड़ितों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना करता हूं।”
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को भगदड़ मच गई थी। पीड़ित हजारों लोगों की भीड़ में शामिल थे, जो एक धार्मिक उपदेशक के सत्संग के लिए सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव के पास इकट्ठा हुए थे।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने धार्मिक समागम के आयोजकों के खिलाफ बुधवार को FIR दर्ज की, जिसमें उन पर सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। समागम में 2.5 लाख लोग पहुंच गए थे, जबकि केवल 80,000 लोगों के शामिल होने की ही अनुमति थी।
पसलियों में चोट और दम घुटने से मरे लोग
वहीं भगदड़ में मारे गए लोगों के शवों के पोस्टमार्टम से पता चला है कि उनकी मौत सीने में चोट के कारण खून जमने, दम घुटने और पसलियों में चोट के कारण हुई है। पुलराई गांव में एक धार्मिक समागम में भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद 21 शवों को आगरा के एस एन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल लाया गया।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक आगरा के CMO अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार लोगों की मौत खून जमने, दम घुटने और पसलियों में चोट लगने के कारण हुई है।
आगरा पहुंचे 21 शव
उन्होंने बताया कि मथुरा, आगरा, पीलीभीत, कासगंज और अलीगढ़ आदि जगहों के 21 लोगों के शव एस एन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में लाए गए और डॉक्टरों की एक टीम ने उनका पोस्टमार्टम किया।
मंगलवार रात को जैसे ही शव पोस्टमार्टम स्थल पहुंचने लगे, पीड़ितों के परिजन वहां जुटने लगे। पोस्टमार्टम के बाद शवों को पीड़ितों के परिजनों को सौंप दिया गया।
[ad_2]
Source link