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एशिया में पैसे लगाने हों तो किस देश के शेयर बढ़िया होंगे? अगर इस साल की बात करें तो दूसरी छमाही में निवेशकों का रुझान भारत और चीन की तरफ है। जापान की चमक फीकी पड़ी है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग न्यूज ने इसे लेकर एशिया के 19 स्ट्रैटेजिस्ट्स और फंड मैनेजर के बीच अनौपचारिक तौर पर सर्वे किया। इसमें से करीब एक-तिहाई ने कहा कि अगले छह महीने में निवेश की बात करें तो चाइनीज स्टॉक्स सबसे बेहतर परफॉरमेंस करेंगे। करीब एक तिहाई ने भारत को चुना तो जापान उनकी पसंद में तीसरे स्थान पर रहा। विकासशील देशों के शेयरों में पहले ही जोरदार तेजी बनी हुई है। MSCI EM Asia इंडेक्स ने MSCI Asia को पिछली तिमाही में वर्ष 2009 के बाद से सबसे बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया है। गोल्डमैन सैक्स ग्रुप के प्राइम ब्रोकरेज डेस्क के मुताबिक जून में EM Asia में नेट खरीदारी रही जबकि वैश्विक इक्विटी में दो साल के रिकॉर्ड हाई लेवल के नेट बिक्री का रुझान रहा।
चीन और भारत के शेयरों पर क्यों लगा रहे दांव?
फेडरल रिजर्व रेट में कटौती करने वाला है। एक्सपर्ट्स इसे भारत और चीन के उभरते मार्केट के लिए पॉजिटिव मान रहे हैं। सर्वे में शामिल स्ट्रैटेजिस्ट्स और फंड मैनेजर्स ने चाइनीज स्टॉक्स को सबसे अधिक इसलिए पसंद किया क्योंकि इनका वैल्यूएशन फिलहाल बहुत कम है और यहां नीतियों में बदलाव के आसार दिख रहे हैं। भारतीय शेयरों को पसंद करने की वजह ये है कि यहां चुनाव बीच चुके हैं और अब यह पॉजिटिव माहौल बना है। इसके अलावा जियोपॉलिटिकल टेंशन का यहां झटका कम लगता है। HSBC एसेट मैनेजमेंट के ग्लोबल चीफ स्ट्रैटेजिस्ट जोसेफ लिटिल ने अपने मिड-ईयर आउटलुक में लिखा है कि वैल्यूएशन डिस्काउंट और वैश्विक ग्रोथ की गुंजाइश उभरते बाजारों में निवेश का मौका दे रही है, खास तौर से एशिया में।
चीन और भारत में कहां अधिक तेजी की गुंजाइश?
सर्वे में शामिल आधे से अधिक का मानना है कि फेड रेट कट और सस्ते वैल्यूएशन के चलते अमेरिकी स्टॉक्स की तुलना में एशियाई शेयरों का प्रदर्शन अधिक अच्छा रहेगा लेकिन अधिकतर में 10 फीसदी या इससे कम की तेजी रहेगी। चाइनीज स्टॉक्स की बात करें तो HSBC Holdings Plc बुलिश है। इसके एशिया इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट हेराल्ड वैन डेर लिंडे का मानना है कि चाइनीज शेयरों के लिए बहुत निगेटिव का रुझान अब पलट रहा है। भारतीय शेयरों की बात करें तो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में जून में पहली बार भारतीय स्टॉक मार्केट का मार्केट कैप 5 ट्रिलियन डॉलर के पार चला गया। ब्लूमबर्ग के एक और सर्वे के मुताबिक भारतीय शेयरों की तेजी इस साल के आखिरी तक बनी रहने वाली है क्योंकि निवेशकों को कॉरपोरेट प्रॉफिट ग्रोथ पर भरोसा बना हुआ है और आने वाले बजट में कंज्यूमर स्पेंडिंग और इंफ्रा को बढ़ावा मिल सकता है।
abrdn Plc में साउथईस्ट एशिया के मल्टी-एसेट इनवेस्टमेंट सॉल्यूशंस के प्रमुख Ray Sharma-Ong की पसंद भारतीय स्टॉक्स हैं। उनका कहना है कि बजट से इन्हें अच्छा सपोर्ट मिलेगा। इसके अलावा अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव से यह सबसे सुरक्षित भी है। उनका मानना है कि अमेरिकी फेड दरों में जब कटौती करेगा तो एशियाई स्टॉक्स सबसे बेहतर परफॉर्म करेंगे। नीतिगत दरों में कटौती के अलावा भारत में तेज इकनॉमिक ग्रोथ और तगड़ी कमाई की सबसे अधिक संभावना है और यहां इक्विटी वैल्यूएशन भी सस्ता है।
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