‘मैं भी जनता की अदालत में जाऊंगा’ केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया ने भी कर दिया ये बड़ा ऐलान – arvind kejriwal resignation announcement manish sisodia will not holding any minister post aap delhi

[ad_1]

अरविंद केजरीवाल की तरफ से अगले दो दिनों के भीतर दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा के बाद, उनके सबसे करीबी सहयोगी और AAP नेता मनीष सिसोदिया ने भी साफ कर दिया कि जब तक जनता उनकी ईमानदारी पर मुहर नहीं लगाती, तब तक वह डिप्टी सीएम पद पर दोबारा शामिल नहीं होंगे। कथित शराब नीति घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने अपने पहले भाषण में कहा था कि जब तक वह अदालत से बरी नहीं हो जाते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।

कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले में 17 महीने की कैद के बाद 9 अगस्त को सिसोदिया तिहाड़ जेल से बाहर आए। फरवरी 2023 में जांच एजेंसी की ओर से गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद उन्होंने डिप्टी सीएम पद और कैबिनेट मंत्रालय (शिक्षा) से इस्तीफा दे दिया। वर्तमान में, वह केवल सक्रिय राजनीति में विधायक के रूप में काम कर रहे हैं।

‘मैंने ईमानदारी से काम किया, लेकिन…’

केजरीवाल के पद छोड़ने की घोषणा के बाद, सिसोदिया ने एक्स को लिखा, “ईमानदारी से शिक्षा का काम करने के लिए राजनीति में आया था। 10 साल से दिल लगाकर दिल्ली के शिक्षामंत्री के रूप में ईमानदारी से काम किया। स्कूल बनवाए, नई नई यूनिवर्सिटीज बनवाईं।”

सिसोदिया ने लिखा, “दिल्ली के शिक्षा मंत्री के रूप में इस मंत्र के साथ काम किया कि सरकारी स्कूलों में बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराए बिना भारत विकसित राष्ट्र नहीं बन सकता। दस साल की मेहनत का असर दिख रहा है कि आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में भी बच्चे शानदार पढ़ाई करके IIT, JEE, NEET जैसी परीक्षाएं टॉप कर रहे हैं।”

टुच्ची राजनीति के तहत झूठे आरोप लगाए: मनीष सिसोदिया

उन्होंने अपने लगे आरोपों को झूठा बताते हुए कहा, “मैंने ईमानदारी से काम किया, लेकिन मुझ पर टुच्ची राजनीति के तहत झूठे आरोप लगाकर मुझे बेईमान सिद्ध करने की कोशिश की गई- 17 महीने झूठे आरोप में जेल में रखा गया। दो साल की कानूनी प्रक्रिया के बाद अब देश की शीर्ष अदालत तक ने कह दिया है, जाओ अपना काम करो, लेकिन मैं अभी उपमुख्यमंत्री-शिक्षामंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। मैं यहां कुर्सियों और पदों के लालच में राजनीति में नहीं आया।”

अपने फैसला सुनाते हुए AAP नेता ने आगे लिखा, “ईमानदारी से शिक्षा पर काम करने के लिए आया हूं। मैंने भी फैसला किया है कि अरविंद केजरीवाल जी के साथ जनता की अदालत में जाऊंगा और पूछूंगा कि जनता मुझे ईमानदार मानती है या नहीं। तीन-चार महीने में चुनाव होना है। अगर जनता मेरी ईमानदारी पर मोहर लगाएगी तभी उपमुख्यमंत्री-शिक्षा मंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा और शिक्षा के लिए काम करूंगा।”

मनीष सिसोदिया नहीं बनेंगे CM

अब इससे एक बात तो साफ हो गई है कि केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री पद नहीं संभालने वाले हैं, क्योंकि उन्होंने भी AAP के साथ जाने का फैसला किया है।

दिल्ली के सभी 70 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 को या उससे पहले होंगे। भारत के चुनाव आयोग की ओर से फिलहाल आधिकारिक घोषणा की जानी बाकी है।

किसी ने बताया PR स्टंट, तो किसी ने कहा नौटंकी, अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा पर क्या बोली कांग्रेस और BJP

[ad_2]

Source link

Leave a Comment