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केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को आरोप लगाया कि बिहार में पुल ढहने की घटनाओं के पीछे राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को बदनाम करने की ”साजिश” हो सकती है। एक हफ्ते से ज्यादा समय में राज्य भर में छोटे-बड़े पांच पुल ढह गए हैं। अररिया, सीवान, पूर्वी चंपारण, किशनगंज और मधुबनी जिलों से एक-एक घटना की जानकारी मिली।
पूर्व CM और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख मांझी ने मीडिया से कहा, “राज्य में अचानक पुल ढहने की घटनाएं क्यों शुरू हो गई हैं? लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा क्यों हो रहा है? एक महीने पहले ऐसी घटनाएं क्यों नहीं हो रही थीं? मुझे इसके पीछे किसी साजिश का शक है। संबंधित अधिकारियों को इस पहलू पर गौर करना चाहिए।”
राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश?
उन्होंने आरोप लगाया, “राज्य सरकार को बदनाम करने की कोई साजिश हो सकती है।” हालांकि, उन्होंने कहा कि पुल ढहने की घटनाएं चिंता का विषय हैं।
MSME मंत्री ने कहा, “यह ठेकेदारों की तरफ से इस्तेमाल की जा रही घटिया सामग्री के कारण हो रहा है। राज्य सरकार ऐसे ठेकेदारों पर कार्रवाई कर रही है। राज्य के अधिकारी भी इस मामले की जांच कर रहे हैं। मैं उनसे साजिश के पहलू की जांच करने का भी अनुरोध करता हूं।”
विपक्ष के निशाने पर ‘डबल इंजन’ सरकार
पिछले कुछ सालों में राज्य के अलग-अलग हिस्सों में इसी तरह की कई घटनाएं हुई हैं पर इनमें कोई हताहत नहीं हुआ है। हालांकि, इन घटनाओं से राज्य में सरकारी निर्माण कार्यों की क्वालिटी पर सवाल उठने लगे हैं।
लगातार पुल टूटने की वजह से राज्य सरकार को विपक्ष की काफी आलोचना झेलनी पड़ रही है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को नीतीश कुमार सरकार पर तंज कसा और कहा, “बिहार में डबल इंजन सरकार की दोहरी शक्ति के कारण, केवल 9 दिनों में 5 पुल ध्वस्त हो गए हैं।”
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