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अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अदाणी समूह (Adani Group) के खिलाफ अपनी रिपोर्ट की एक एडवांस कॉपी, रिपोर्ट पब्लिश करने से लगभग 2 महीने पहले न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मैनेजर मार्क किंग्डन के साथ साझा की थी। साथ ही अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाया था। यह दावा सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने किया है। हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी, 2023 को ‘अदाणी ग्रुप: हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉरपोरेट हिस्ट्री’ शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
रिपोर्ट जारी होने के बाद 24 जनवरी, 2023 से 22 फरवरी, 2023 की अवधि के दौरान अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में लगभग 59 प्रतिशत की गिरावट आई और कीमत 3,422 रुपये से 14,04.85 रुपये प्रति शेयर तक लुढ़क गई। सेबी ने हिंडनबर्ग को 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भेजा है।
नोटिस में सेबी ने विस्तार से बताया है कि कैसे रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद हिंडनबर्ग, न्यूयॉर्क के हेज फंड और कोटक महिंद्रा बैंक से जुड़े ब्रोकर को अदाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की वैल्यूएशन में आई 150 अरब डॉलर की भारी गिरावट से फायदा हुआ। सेबी ने हिंडेनबर्ग पर गैर-सार्वजनिक और भ्रामक सूचनाओं का इस्तेमाल करके सांठगांठ से अनुचित लाभ कमाने और अदाणी समूह के शेयरों में पैनिक सेलिंग को प्रेरित करने का आरोप लगाया है।
हिंडनबर्ग का क्या है जवाब
वहीं सेबी के इस कारण बताओ नोटिस के जवाब में हिंडनबर्ग ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि यह भारत के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों की ओर से किए गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने और डराने-धमकाने का प्रयास है। साथ ही खुलासा किया है कि अदाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के खिलाफ दांव लगाने के लिए जिस इकाई का इस्तेमाल किया गया, वह कोटक महिंद्रा (इंटरनेशनल) लिमिटेड (KMIL) से संबंधित थी। KMIL, कोटक महिंद्रा बैंक की मॉरीशस स्थित सब्सिडियरी है। KMIL के फंड ने अपने ग्राहक किंग्डन के किंग्डन कैपिटल मैनेजमेंट के लिए अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड पर दांव लगाया।
सेबी के नोटिस में एक चैट के अंश भी शामिल
सेबी के नोटिस में अदाणी एंटरप्राइजेज में फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट बेचने के लिए हेज फंड के एक कर्मचारी और KMIL के ट्रेडर्स के बीच चैट के अंश शामिल हैं। कोटक महिंद्रा बैंक ने कहा है कि किंग्डन ने कभी यह खुलासा नहीं किया कि उनका हिंडनबर्ग के साथ कोई संबंध है और न ही यह कि वे किसी प्राइस-सेंसिटिव इनफॉरमेशन के आधार पर काम कर रहे थे।
सेबी ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति को बताया था कि वह 13 ऐसी ऑफशोर ‘अस्पष्ट’ एंटिटीज की जांच कर रहा है, जिनकी अदाणी समूह के 5 सार्वजनिक रूप से कारोबार वाले शेयरों में 14 से 20 प्रतिशत के बीच हिस्सेदारी थी। सेबी ने न केवल हिंडनबर्ग को, बल्कि KMIL, किंग्डन और हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन को भी नोटिस भेजा है।
फायदे का 30% हिंडनबर्ग को देने का समझौता
सेबी के लेटर में कहा गया है कि किंग्डन का KMIL की के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड लिमिटेड में कंट्रोलिंग स्टेक था। किंग्डन ने रिपोर्ट के आधार पर सिक्योरिटीज में ट्रेडिंग से अर्जित लाभ का 30 प्रतिशत हिस्सा हिंडनबर्ग के साथ साझा करने का समझौता किया था। के-इंडिया फंड के माध्यम से ट्रेड को रीरूट करने के लिए आवश्यक अतिरिक्त समय और प्रयास के कारण लाभ का यह हिस्सा घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया था।
सेबी ने कहा कि किंग्डन ने अदाणी एंटरप्राइजेज में शॉर्ट पोजीशन बनाने के लिए दो किस्तों में 4.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर किए। के इंडिया फंड ने रिपोर्ट जारी होने से पहले 8,50,000 शेयरों के लिए शॉर्ट पोजीशन बनाई और रिपोर्ट जारी होने के तुरंत बाद इन पोजीशन को स्क्वेयर ऑफ कर दिया। इसके जरिए 183.23 करोड़ रुपये (22.25 मिलियन डॉलर) का मोटा मुनाफा कमाया गया। ट्रेडिंग और कानूनी खर्चों के बाद शुद्ध मुनाफा 22.11 मिलियन डॉलर रहा। डील के तहत किंग्डन को हिंडनबर्ग को 55 लाख डॉलर देने थे, जिसमें से 41 लाख डॉलर 1 जून तक दे दिए गए।
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