क्या सरकार आगे नहीं बढ़ाएगी महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम? मार्च 2025 तक कर सकते हैं निवेश – modi government may not extend mahila samman savings certificate scheme after mach 2025

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Mahila Samman Savings Certificate: सरकार ने साल 2023 के बजट में महिलाओं के लिए महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना शुरू की थी। केंद्र सरकार की महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना एक बार की योजना है। ये योजना अप्रैल 2023 से मार्च 2025 तक के लिए उपलब्ध है। अब सरकार की योजना महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट को आगे बढ़ानी की नहीं है। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दी है।

सरकार 2023 में लाई थी ये योजना

मोदी सरकार ने साल 2023 के बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी। इसका उद्देश्य भारतीय महिलाओं में सेविंग की आदत को प्रोत्साहित करना था। इस योजना के तहत जमाकर्ताओं को सालाना 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है। भारत में छोटी बचत योजनाओं के कलेक्शन में कई योजनाएं हैं जिनमें से महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र भी है। अधिकारी के मुताबिक महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाएं ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। ज्यादा से ज्यादा लोगों ने इनमें निवेश किया है। आने वाले समय में इन योजनाओं से मिलने वाली आमदनी भविष्य में स्थिर हो सकती है, जिससे केंद्र सरकार ने FY25 में राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF) से कम कलेक्शन का टारगेट रखा है।

अधिकारी के मुताबिक पहले FY24 में NSSF कलेक्शन में 20,000 करोड़ रुपये की कमी थी। इसलिए, हम कम आधार से शुरुआत कर रहे हैं। दूसरा, हमें वरिष्ठ नागरिक योजना को दोगुना करने से अच्छी आमदनी हुई। पिछले साल इस योजना ने हमें 1.12 लाख करोड़ रुपये का फायदा दिया। लेकिन यह अब स्थिर हो जाएगा। हम इस बार ऐसी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।

जुलाई में पेश किए गए 2024-25 के केंद्रीय बजट में इस वित्तीय वर्ष के लिए NSSF कलेक्शन का टारगेट 4.20 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, जो अंतरिम वर्जन में 4.67 लाख करोड़ रुपये था। NSSF से कम संग्रह की एक और वजह यह है कि परिवारों में इक्विटी बाजारों और म्यूचुअल फंड्स की ओर रुझान बढ़ रहा है, जिससे उन्हें आकर्षक रिटर्न मिल रहा है। सरकार अपने वित्तीय घाटे को बॉन्ड बाजार से उधारी, छोटी बचत से प्राप्त आय, और कैश बैलेस अमाउंट से पूरा करती है। बजट में सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए सकल उधारी को 12,000 करोड़ रुपये घटाकर 14.01 लाख करोड़ रुपये किया है, और वित्तीय घाटे के टारगेट को 20 आधार अंकों से घटाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया है।

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