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नगीना के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने हाल ही में न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कई अहम खुलासे किए हैं। इसके बाद राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। इंटरव्यू के दौरान आज़ाद ने दिल्ली में अपनी गिरफ्तारी के बारे में खुलासा किया है। आजाद के साथ पुलिस हिरासत के दौरान किस तरह का व्यवहार किया गया, इस बारे में खुलकर चर्चा की है। आजाद ने बताया कि पुलिस ने मेरी बुरी तरह से पिटाई की थी। इससे मेरी रीढ़ की हड्डी में 7 मिमी का गैप है। आजाद ने उस घटना का भी जिक्र किया है, जिसमें उनके खिलाफ NSA लगाया गया था। उन्हें जेल भेजा गया था।
उन्होंने कहा कि जेल जाने से पहले, मुझे पुलिस स्टेशन में बुरी तरह पीटा गया। जिससे मेरी रीढ़ की हड्डी में 7 मिमी का गैप हो गया। मेरे दांत टूट गए हैं। मेरे शरीर में जितनी हड्डियाँ हैं। उससे ज्यादा मेरी डंडों से पिटाई गई। इंटरव्यू में सांसद ने कहा कि जब मुझे जामा मस्जिद में गिरफ्तार किया गया, तो मेरे हाथ में संविधान था। मैं अपनी मंजिल की ओर अकेले चल रहा था। लेकिन लोग मेरे साथ जुड़ते गए और यह एक आंदोलन बन गया।
पुलिस ने की मेरी पिटाई
चंद्रशेखर ने बताया कि जेल जाने से पहले मुझे पुलिस स्टेशन में बुरी तरह पीटा गया। जिससे मेरी रीढ़ की हड्डी में 7 मिमी का गैप आ गया। मेरे दांत टूट गए। मेरे शरीर में जितनी हड्डियाँ थीं, उससे कहीं ज़्यादा डंडों से मुझे मारा गया। मायावती समर्थकों द्वारा दलित वोटों को बांटने के आरोपों पर नगीना के सांसद ने कहा कि इस बार मैंने सिर्फ 2 सीटों पर चुनाव लड़ा। मैंने 78 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा। फिर भी बहुजन समाज पार्टी ने क्या कमाल करके दिखाया? आजाद ने कहा कि मैं सिर्फ दो सीटों पर चुनाव लड़ रहा था। बहनजी के समर्थक क्या कहते हैं या नहीं कहते हैं। इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
EP-193 with Chandrashekhar Azad premieres today at 5 PM IST
“I was beaten brutally. I have a 7mm gap in my spine. They broke my teeth…” Nagina MP Chandrashekhar Azad recounts his ordeal in police custody#ANIPodcast #SmitaPrakash #ChandrashekharAzad #BhimArmy #Dalits #Nagina… pic.twitter.com/F9qjZxluhG — ANI (@ANI) July 3, 2024
सत्ता में रह रहे लोगों ने इंसान माना ही नहीं..
चंद्रशेखर आगे कहते हैं कि करोड़ों लोग हमारे संगठन से जुड़े हुए हैं। वह सब लोग चाहते थे कि मैं यानी चंद्रशेखर जीतें। उन सभी लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। मुझसे क्योंकि आजादी के 76 साल बाद भी बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही हैं। रोटी, कपड़ा और मकान भी नहीं मिल रहा है। सम्मान का जीवन नहीं मिल रहा है तो ऐसा लगता है कि आजादी के इतने सालों बाद भी सत्ता में रह रहे लोगों ने इंसान माना ही नहीं है।
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