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इस साल जून में 42 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट खुले। यह 4 महीने का उच्चतम स्तर है। भारतीय बाजार में तेजी के बीच विदेशी निवेशकों की निरंतर खरीदारी इसके पीछे मुख्य वजह रही। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, जून में खोले गए डीमैट खातों की संख्या 42.4 लाख से अधिक रही। यह फरवरी 2024 के बाद से डीमैट अकाउंट ओपनिंग की उच्चतम दर है। मई महीने में 36 लाख और एक साल पहले यानि जून 2023 में 23.6 लाख डीमैट अकाउंट खुले थे।
यह चौथा अवसर है, जब नए डीमैट खातों की संख्या 40 लाख के पार गई है। इससे पहले दिसंबर 2023, जनवरी 2024 और फरवरी 2024 में इसी तरह के माइलस्टोन हासिल किए गए थे। अब कुल डीमैट खातों की संख्या 16.2 करोड़ से अधिक हो गई है। यह पिछले महीने की तुलना में 4.24 प्रतिशत और पिछले वर्ष की तुलना में 34.66 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
निवेशकों को आकर्षित करती है बाजार की स्थिरता
विश्लेषकों का कहना है कि बाजार स्थिर हैं। यह स्थिरता निवेशकों को इक्विटी बाजारों में आने के लिए प्रोत्साहित करती है। साथ ही जैसे-जैसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग का सीजन नजदीक आता है, लोग इक्विटी में विविधता लाने पर विचार करते हैं। मजबूत रिटर्न और कोई करेक्शन न होने के साथ एक तेजी से बढ़ता व्यापक बाजार नए निवेशकों को आकर्षित करता है।
विश्लेषकों को आगे और अधिक डीमैट खातों के लिए गुंजाइश दिखाई दे रही है, जो विकास की संभावना को दर्शाता है। इसके अलावा ऐसे आईपीओ जिन्हें अच्छा सब्सक्रिप्शन मिला है, अक्सर प्रीमियम पर लिस्ट होते हैं। ये भी नए निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं, जिससे नए डीमैट खाते खोलने में तेजी आ रही है।
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