प्रमोटर्स ने 2024 की पहली छमाही में 10 अरब डॉलर से ज्यादा के शेयर बेचे

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कैलेंडर ईयर 2024 की पहली छमाही के दौरान कंपनियों में प्रमोटर्स द्वारा हिस्सेदारी बेचने का सिलसिला तेज रहा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल पहली छमाही में 37 कंपनियों की प्रमोटर इकाइयों ने 10.5 अरब डॉलर (87,400 करोड़ रुपये) के शेयरों की बिक्री की।

कोटक रिसर्च नोट के मुताबिक, यह आंकड़ा पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा है और पहले 6 महीने में हिस्सेदारी बिक्री का यह आंकड़ा 2023 के पूरे साल के आंकड़े को पार करने के लिए तैयार है। पिछले साल प्रमोटर्स की हिस्सेदारी बिक्री का यह आंकड़ा 12.4 अरब डॉलर (तकरीबन 1 लाख करोड़ रुपये) था ।

इस साल सिर्फ 4 कंपनियों में स्टेल सेल के जरिये तकरीबन आधी रकम हासिल की गई। इन कंपनियों में TCS, इंटरग्लोबल, इंडस टावर और एमफैसिस शामिल हैं। कोटक की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल अदाणी ग्रुप की कंपनियों में बड़े पैमाने पर बिक्री देखी गई, जबकि 2024 में अब तक ट्रेंड मिला-जुला रहा है।

प्रमोटर सेलिंग

मार्च 2024 तिमाही के दौरान BSE 200 इंडेक्स में प्रमोटर होल्डिंग घटकर 38.8 पर्सेंट हो गई, जबकि दिसंबर 2022 में यह आंकड़ा 42.1 पर्सेंट था। हालांकि, घरेलू म्यूचुअल फंडों ने इस मौके को कंपनियों में निवेश बढ़ाने के अवसर के तौर पर इस्तेमाल किया।

हिस्सेदारी की बिक्री क्यों

नोट के मुताबिक, स्टॉक मार्केट्स के रफ्तार पकड़ने की वजह से प्रमोटर्स ने अपने शेयरों की बिक्री की है। इसके अलावा, अलग-अलग कंपनियों के मामले में अलग कारण हो सकते हैं।

OFS रूट का प्रचलन तेज

प्राइवेट इक्विटी (PE) और वेंचर कैपिटल (VC) ने प्राइमरी और सेकेंडरी रूट के जरिये शेयरों की बिक्री की है। नोट के मुताबिक, हाल के वर्षों में OFS जरिये जुटाई गई रकम फ्रेश शेयर जारी कर जुटाई गई रकम के मुकाबले काफी ज्यादा है। ज्यादा स्टेक से कंपनी में प्रमोटर के भरोसे का पता चलता है। आनंद राठी इनवेस्टमेंट बैंकिंग में डायरेक्टर और इक्विटी कैपिटल मार्केट्स के हेड प्रशांत राव ने बताया, ‘हालांकि, हमें बिक्री की वजह को समझने की जरूरत है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां प्रमोटर के शेयरों की बिक्री घरेलू संस्थानों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) को की गई है।’

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