बजट से पहले नायडू और नीतीश ने रखी मांग, केंद्र से इन परियोजनाओं के लिए मांगे ₹48,000 करोड़

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Budget 2024-25: चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडी(यू) ने 23 जुलाई को पेश होने वाले आम बजट 2024-25 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार से अपने राज्यों के लिए करीब 48,000 करोड़ रुपये की मांग की है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने शनिवार 6 जुलाई को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रॉयटर्स को मिले डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, बीजेपी के इन दोनों प्रमुख सहयोगियों ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए इस धनराशि की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए उधार लेने की सीमा भी बढ़ाने को कहा है।

16 सांसदों के साथ टीडीपी और 12 सांसदों के साथ जेडीयू ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी को केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में मदद की थी। बीजेपी इस चुनाव में अकेले दम पर बहुमत हासिल करने में नाकाम रही थी। इसके बाद

गठबंधन सरकार बनने के बाद से ही यह माना जा रहा था कि नायडू और नीतीश अपने राज्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग करेंगे। चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार, दोनों ने ही एनडीए की सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभाई थी।

इससे पहले ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि, चंद्रबाबू नायडू ने अकेले 1 लाख करोड़ रुपये (12 अरब डॉलर) से अधिक की वित्तीय सहायता मांगी है। टीडीपी सुप्रीमो ने इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों से मुलाकात की, जहां उन्होंने अपनी मांगों के लिए दबाव डाला।

मनीकंट्रोल ने इससे पहले बताया था कि आंध्र प्रदेश ने अपनी राजधानी अमरावती को विकसित करने और पोलावरम सिंचाई परियोजना के विकास के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता मांगी। अमरावती, चंद्रबाबू नायडू को ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है।

नायडू इसके अलावा विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और अमरावती में मेट्रोलप्रोजेक्ट, एक लाइट रेल परियोजना और विजयवाड़ा से मुंबई और नई दिल्ली तक वंदे भारत ट्रेन के लिए भी फंड चाहते हैं। इसके अलावा, उन्होंने पिछड़े जिलों के विकास, रामायपटनम बंदरगाह और कडप्पा में एक स्टील प्लांट जैसे इंफ्रा प्रोडेक्ट्स के लिए भी वित्तीय सहयोग मांगा है।

इस बीच डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, बिहार ने 9 नए एयरपोर्ट्स, दो पावर प्रोजेक्ट्स, दो नदी जल कार्यक्रमों और सात मेडिकल कॉलेजों को खोलेने के लिए फंड की मांग की है। इन परियोजनाओं के लिए किस अवधि के लिए धन मांगा जा रहा है, यह रिपोर्ट में नहीं बताया गया था

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य यह भी चाहते हैं कि केंद्र सरकार सभी राज्यों को इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के लिए बिना शर्त दिए जाने वाले लॉन्ग-टर्म लोन की राशि को लगभग दोगुना करके 1 लाख करोड़ रुपये कर दे।

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