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हाल ही में टेलिकॉम टैरिफ में की गई बढ़ोतरी से भारतीय टेलिकॉम सेक्टर को लंबी अवधि में मजबूती मिलेगी, लेकिन कंज्यूमर बिहेवियर पर इसका कुछ क्षणिक प्रभाव पड़ सकता है। यह बात जियो प्लेटफॉर्म्स (Jio Platforms) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अंशुमान ठाकुर ने पोस्ट-अर्निंग प्रेजेंटेशन में कही। रिलायंस जियो ने हाल ही में अपने नए अनलिमिटेड प्लान्स की घोषणा की है। ये 3 जुलाई, 2024 से प्रभावी हो गए हैं। इन नए प्लान्स की कीमत पिछले प्लान्स की तुलना में 13-25 प्रतिशत ज्यादा है।
ठाकुर ने कहा, “जैसी कि उम्मीद थी, अन्य ऑपरेटर्स ने भी टैरिफ बढ़ाए हैं। कुल मिलाकर इंडस्ट्री टैरिफ लेवल्स बढ़ गए हैं। कुछ क्षणिक प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में, यह पूरी टेलिकॉम इंडस्ट्री के लिए अच्छा होगा और एक बड़ा डिजिटल समाज बनाने और सेक्टर को मजबूत करने में मदद करेगा।”
ठाकुर ने कहा कि चुनिंदा प्लान्स लेने वाले यूजर्स के लिए जियो की 5G सेवाएं फ्री हैं। इसका उद्देश्य नेटवर्क पर 5G की खपत को बढ़ावा देना और लोगों को 5G को अधिक से अधिक अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
जियो के पास बहुत अच्छा स्पेक्ट्रम बैंक
ठाकुर के मुताबिक, जियो के पास बहुत अच्छा स्पेक्ट्रम बैंक है, जो 4G, 5G मोबाइल और होम ब्रॉडबैंड सहित जियो की सर्विसेज की जरूरतों को पूरा करता है। आगे कहा, ‘हम केवल उन मामलों में अधिक स्पेक्ट्रम प्राप्त करने पर फोकस कर रहे थे, जहां मांग में वृद्धि हो रही थी, डेटा की खपत बढ़ रही थी। इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि ग्राहक सेवा कभी भी प्रभावित न हो, हमने बिहार और पश्चिम बंगाल में 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में कुल 974 करोड़ रुपये की लागत से अधिक स्पेक्ट्रम जोड़े। इसलिए हम स्पेक्ट्रम पर ज्यादा फोकस कर रहे थे, जिसकी हमें यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरत थी कि हमारे ग्राहकों को हमेशा बेस्ट ऑफरिंग मिले।’ सभी बैंड्स में जियो का स्पेक्ट्रम फुटप्रिंट अब 26,801 मेगाहर्ट्ज है।
उन्होंने कहा कि जियो एकमात्र टेलिकॉम कंपनी है, जो लो बैंड (700 मेगाहर्ट्ज), मिड-बैंड (3300 मेगाहर्ट्ज) और हाई-बैंड (26 गीगाहर्ट्ज) में 5G चला रही है। जियो, एंटरप्राइज स्पेस में प्रमुख वर्टिकल में पैठ बना रही है और प्रतिस्पर्धा को खत्म करना शुरू कर दिया है।
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