लोकसभा में डिप्टी स्पीकर पद देने को तैयार है सत्ता पक्ष NDA, कांग्रेस ने की थी मांग

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18वीं लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद खाली नहीं रहेगा। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को इसके संकेत दिए। सूत्रों के मुताबिक, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) लोकसभा में किसी नेता को डिप्टी स्पीकर का पद देने लिए तैयार है, लेकिन इस मामले में वो फैसला तुरंत नहीं, बल्कि बाद में लिए जाने के पक्ष में है। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से कहा कि NDA ने इस पद पर विपक्ष के दावे को खारिज नहीं किया है, हालांकि उसकी आपत्ति इस बात पर है कि विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए उपाध्यक्ष पद देने की शर्त रखी। पिछली लोकसभा के दौरान कोई डिप्टी स्पीकर नहीं था।

दरअसल लोकसभा अध्यक्ष पद पर ओम बिरला के नाम पर आम सहमति नहीं बन सकी थी। आम सहमति बनाने का सरकार की कोशिश नाकामयाब हो गई थी, क्योंकि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने परंपरा का हवाला देते हुए डिप्टी स्पीकर पद पर अपना दावा पेश किया था।

विपक्ष की मांग पर विचार करने को तैयार

एजेंसी के मुताबिक, NDA सूत्रों ने कहा कि उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान विपक्ष की मांग पर विचार किया जा सकता है, लेकिन उसमें कोई पूर्व शर्त नहीं थोपी जानी चाहिए।

विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, बिरला ध्वनि मत से इस पद पर निर्वाचित हुए।

कांग्रेस ने डिप्टी स्पीकर के लिए ठोका दावा

अतीत में ऐसे कई मौके आए हैं, जब अलग-अलग सरकारों ने विपक्ष को डिप्टी स्पीकर के रूप में अपना उम्मीदवार उतारने की अनुमति दी। लेकिन बीजेपी का कहना है कि ये हमेशा नहीं हुआ है।

कांग्रेस का दावा है कि वो इस बार प्रमुख विपक्षी पार्टी है, इसलिए उसे ये पद मिलना चाहिए। पिछली दो लोकसभा के दौरान कांग्रेस को प्रमुख विपक्षी दल का दर्जा भी हासिल नहीं था।

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