सेबी की आपत्ति के बाद एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने शापूरजी पालोनजी की फर्म को लोन चुकाने का प्लान टाला – afcons drops loan repayment plan to shapoorji firm after sebi observations

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शापूरजी पालोनजी की फ्लैगशिप कंस्ट्रक्शन फर्म एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपने IPO के जरिये ग्रुप की कंपनी को लोन चुकाने का प्लान टाल दिया है। एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने शापूरजी पालोनजी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड से लोन लिया है, जो एफकॉन्स के प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा है। एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स पर सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों की टिप्पणी के बाद कंपनी ने यह फैसला किया है।

इस घटनाक्रम से साफ है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी द्वारा IPO दस्तावेजों की जांच-पड़ताल का स्तर बढ़ गया है। शेयर बाजार में तेजी का माहौल है और इस वजह से रिकॉर्ड संख्या में कंपनियां पब्लिक इश्यू ला रही हैं। रिटेल इनवेस्टर्स की IPO में तेजी से दिलचस्पी बढ़ रही है, ताकि लिस्टिंग के दिन जबरदस्त रिटर्न मिल सके। ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स में एफकॉन्स ने बताया था कि वह इस IPO से हासिल रकम का इस्तेमाल शापूरजी पालोनजी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से लिया गया लोन चुकाने में करेगी।

यह लोन जुलाई 2023 में लिया गया था, ताकि वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा किया जा सके और वेंडर्स को भुगतान किया जा सके। इस पर ब्याज दर 10.95 पर्सेंट है। इस IPO से 1,250 करोड़ रुपये जुटाने की योजना थी, जिसके बड़े हिस्से यानी 500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल एफकॉन्स के कुछ कर्जों का भुगतान करने में किया जाना था।

इसके अलावा, प्रमोटर ग्रुप कंपनी, बाकी लेंडर्स मसलन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), डीबीएस बैंक और HSBC बैंकों को भुगतान करने की बात है। 30 सितंबर 2023 को एफकॉन्स का शुद्ध कर्ज 2,172.4 करोड़ रुपये था, जबकि 31 मार्च 2023 को यह आंकड़ा 1,234.8 करोड़ रुपये था।

फाइलिंग के मुताबिक, सेबी की टिप्पणियों के बाद शॉपूरजी पालोनजी फाइनेंस के लिए तय 100 करोड़ रुपये को अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लोन के भुगतान के लिए आवंटित करने का प्लान है। इस सिलसिले में एफकॉन्स को भेजी गई ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला। कंपनी का प्रस्तावित IPO 7,000 करोड़ रुपये का है।

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