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देश के सभी 17,500 पुलिस थाने एक जुलाई को एक खास कार्यक्रम करेंगे, जिसमें महिलाओं, छात्रों, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और प्रतिष्ठित हस्तियों को उस दिन लागू होने वाले तीन नए अपराध कानूनों की प्रमुख विशेषताओं से अवगत कराया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। इन नए कानूनों में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 हैं, जो एक जुलाई से प्रभाव में आएंगे।
ये तीनों नए कानून ब्रिटिश काल के कानूनों- भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इन तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभाव में आने के मौके पर एक जुलाई को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के हर एक पुलिस थाने में प्रभारी अधिकारी एक कार्यक्रम आयोजित करेंगे और इन नए कानूनों की खासियत और बड़ी बातों से लोगों को अवगत कराएंगे।
उन्होंने कहा कि थानों या किसी दूसरी जगह पर आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाएं, युवा, छात्र, वरिष्ठ नागरिक, रिटायर पुलिस अधिकारी, जानीमानी हस्तियां, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, आंगनवाड़ी केंद्रों और स्थानीय शांति समितियों के सदस्य और शिक्षण संस्थान भी भाग लेंगे।
पुलिस रिसर्च और डेवलपमेंट ब्यूरो की तरफ से जुटाए गए पुलिस संगठन के एक आंकड़े के अनुसार, देश में 17,500 से ज्यादा थाने हैं।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थान एक जुलाई को सामूहिक चर्चा, वर्कशॉप, संगोष्ठी आदि कार्यक्राम करेंगे और नए कानूनों के मकसदों को रेखांकित करेंगे।
इन तीन नए कानूनों में ऑनलाइन पुलिस शिकायत दर्ज होना, पेशी के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से समन भेजना, सभी जघन्य अपराधों के स्थानों की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी कराना और ‘जीरो’ FIR दर्ज करना जैसी प्रमुख विशेषताएं हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय अगले हफ्ते से इन तीन नए अपराध कानूनों को लागू करने के लिए कमर कस चुका है। इन कानूनों के संबंध में 5.65 लाख से ज्यादा पुलिस, जेल, फॉरेंसिक, न्यायिक और अभियोजन अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी गई है।
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