फंड मैनेज करने के लिए मोटी फीस देकर बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप से सेवाएं ले रही कर्नाटक सरकार

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कर्नाटक सरकार पर 5 चुनावी गारंटी और विकास परियोजनाओं की फंडिंग के लिए सालाना 50,000-60,000 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का दबाव है। ऐसे में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने हाल में अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) को हायर किया है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप सरकार को रेवेन्यू बढ़ाने के लिए सुझाव देगा। मनीकंट्रोल ने राज्य सरकार के फैसले, BCG के काम की संभावनाएं और इससे जुड़े विवाद का विश्लेषण किया है:

BCG को राज्य सरकार कितना फीस दे रही है?

तीन प्राइवेट फर्में- BCG, KPMG और E&Y ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) में दिलचस्पी दिखाई थी। हालांकि, फाइनल टेंडर में सिर्फ BCG ने हिस्सा लिया। BCG 6 महीने के लिए राज्य फाइनेंस डिपार्टमेंट के साथ काम करेगी और उसने 9.5 करोड़ रुपये की फीस की मांग की है। ऐसे कुछ प्रस्ताव अगले बजट में शामिल किए जाएंगे। BCG अलग-अलग विभागों में टेंडर से जुड़े खर्चों को तर्कसंगत बनाने के लिए फाइनेंस डिपार्टमेंट के साथ भी काम कर रहा है। इस सिलसिले में BCG से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

सरकार के फैसले को लेकर नाराजगी

कई लोगों ने प्राइवेट कंसल्टेंट नियुक्त करने के सरकार के फैसले की आलोचना की है। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एमजी देवश्याम का कहना है कि ज्यादातर कंसल्टेंट्स के पास गंभीर जानकारी का अभाव है और ये मोटी फीस वसूलते हैं, जबकि रिपोर्ट हल्की होती है। उनका कहना है कि इनके बदले IIT और IIM ग्रैजुएट आईएएस अफसरों को नियुक्त करना चाहिए।

फाइनेंस डिपार्टमेंट की दलील

फाइनेंस डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक, प्रोफेशनल कंसल्टेंट नए आइडिया और परंपरा शुरू करते हैं। फाइनेंस डिपार्टमेंट के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘हमारी योजना बेंगलुरु और राज्य के 10 नगर निगमों के आसपास सैटेलाइट टाउन डिवेलप करने की है, जिसके लिए हर फिस्कल ईयर में अतिरिक्त 5,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इसके तहत ज्यादा फोकस उत्तरी कर्नाटक पर होगा।’

कर्नाटक में बीजेपी क्यों विरोध कर रही है?

बीजेपी नेता आर. अशोक ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया संसाधन जुटाने के लिए विधानसभा को भी बेच सकते हैं। उनकी यह टिप्पणी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के उस सुझाव के बाद आई है, जिसमें बेंगलुरु और आसपास के इलाकों में 25,000 एकड़ जमीन को बेच कर पैसा जुटाने की बात कही गई है।

क्या बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप पहली बार कर्नाटक सरकार के लिए काम कर रहा है?

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप आगामी ग्लोबल इनवेस्टर मीट ‘इनवेस्ट कर्नाटका समिट ‘ के लिए नॉलेज पार्टनर भी है। यह समिट फरवरी में हो रही है। राज्य की पिछली बीजेपी सरकार ने भी निवेश को आकर्षित करने के लिए 2020 में बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की मदद लेने का फैसला किया था और 2021 में उसका कॉन्ट्रैक्ट एक साल के लिए बढ़ाया गया था।

5 गारंटी क्या-क्या हैं?

पांच गारंटी के तहत सभी घरों में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, सभी परिवार की हर महिला प्रमुख को 2,000 रुपये महीना, गरीबी रेखा नीचे गुजर-बसर करने वालों को 10 किलो अनाज, बेरोजगारों को 2 साल तक 3,000 रुपये महीने का भुगतान, बेरोजगार डिप्लोमा होल्डर्स को दो साल तक 1,500 रुपये प्रति महीना और राज्य में महिलाओं के लिए बिना एसी वाली बसों में मुफ्त यात्रा जैसी वादें शामिल हैं।

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