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भीड़भाड़ वाले कोच, बीच रास्ते में ट्रेनें रुक जाना, भीड़ के चलते दरवाजे बंद न होना और झगड़े होना। बेंगलुरु मेट्रो की 43 किलोमीटर लंबी पर्पल लाइन पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए ये अब रोज़मर्रा की बात हो गई है। पर्पल लाइन वेस्ट बेंगलुरु में चलघट्टा को ईस्ट बेंगलुरु में कडुगोडी (व्हाइटफील्ड) से जोड़ती है। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में दो यात्रियों को भीड़ भरी मेट्रो ट्रेन के अंदर एक-दूसरे से लड़ते हुए भी देखा गया था। बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के अधिकारियों का कहना है कि टेक कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को ज्यादातर दिन ऑफिस से काम करने पर जोर दिए जाने के बाद पर्पल लाइन पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
गूगल, एमेजॉन, मेटा, फ्लिपकार्ट, टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएलटेक, कॉग्निजेंट और अन्य कंपनियों ने कर्मचारियों को ऑफिस से काम करने के लिए अनिवार्य कर दिया है। उदाहरण के लिए, TCS ने कहा कि अटेंडेंस से वेरिएबल पे को जोड़ने की नई पॉलिसी के बाद उसके करीब 70 फीसदी कर्मचारी अब ऑफिस में वापस आ गए हैं।
8 लाख तक पहुंच जाती है यात्रियों की संख्या
BMRCL के अधिकारियों ने बताया कि कई दिन यात्रियों की संख्या 8 लाख तक पहुंच जाती है। एक अधिकारी ने कहा, “हम हर दिन यात्रियों की संख्या में वृद्धि देख रहे हैं, क्योंकि अधिकांश टेक कंपनियां कर्मचारियों को ऑफिस लौटने पर जोर दे रही हैं। हम भीड़भाड़ को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, जिसमें नादप्रभु केम्पेगौड़ा मैजेस्टिक इंटरचेंज स्टेशन से व्हाइटफील्ड की ओर शॉर्ट-लूप सर्विसेज ऑपरेट करना शामिल है। अगले साल नई ट्रेनें शुरू होने के बाद स्टेशनों और ट्रेनों में भीड़ कम हो जाएगी।”
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के रिकॉर्ड बताते हैं कि नादप्रभु केम्पेगौड़ा मैजेस्टिक इंटरचेंज स्टेशन, इंदिरानगर, बेनिगनहल्ली, एमजी रोड, नागासंद्रा, मंत्री स्क्वायर संपीगे रोड और केआर पुरम सबसे व्यस्त स्टेशनों में से हैं।
आउटर रिंग रोड कंपनी एसोसिएशन के महासचिव रमेश वेंकटरामू ने कहा, “आउटर रिंग रोड (ORR) के साथ कंपनियों में अधिकांश कर्मचारी ऑफिस से काम कर रहे हैं, जबकि कुछ को हाइब्रिड वर्क फैसिलिटी प्रदान की जाती हैं। कई कर्मचारी ORR आने-जाने के लिए केआर पुरा मेट्रो का उपयोग करते हैं। BMTC केआर पुरा और सेंट्रल सिल्क बोर्ड के बीच एसी फीडर बस सेवाएं चला रही है। इन बसों को परिसरों के अंदर जाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है।”
व्हाइटफील्ड में ITPB में काम करने वाले नियमित मेट्रो यात्री शशिधर बी ने कहा, “सुबह के व्यस्त समय में BMRCL तीन मिनट के अंतराल पर ट्रेनें चला रहा है, लेकिन ट्रेनें खचाखच भरी होती हैं और यात्रियों के लिए एंट्री करने के लिए मुश्किल से ही कोई जगह होती है।” उन्होंने कहा कि ज़्यादातर कंपनियां, जो पहले लोगों को हफ्ते में तीन दिन ऑफिस से काम करने की अनुमति देती थीं, अब कर्मचारियों से पूरे पांच दिन ऑफ़िस आने पर ज़ोर दे रही हैं। “जिन लोगों के पास घर से पूरी तरह काम करने का विकल्प है, वे अब हफ़्ते में दो-तीन दिन ऑफ़िस आ रहे हैं। सड़कों पर भारी भीड़भाड़ के कारण लोग मेट्रो से यात्रा करना पसंद करते हैं।”
अगले साल ही चलेंगी अतिरिक्त ट्रेनें
एक्सपर्ट्स ने कहा कि तीन से चार मिनट की ऑप्टिमल फ्रीक्वेंसी बनाए रखने के लिए BMRCL के पास आदर्श रूप से प्रति किलोमीटर एक ट्रेन होनी चाहिए। बेंगलुरु मेट्रो नेटवर्क के 73 किलोमीटर की कुल लंबाई तक विस्तार के बावजूद, इसमें केवल 57 ट्रेनें हैं।
एक सीनियर अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया कि “पर्पल और ग्रीन लाइनों के लिए प्रोटोटाइप DTG (डिस्टेंस-टू-गो) ट्रेन अगस्त 2024 में चीन से भेजी जाएगी और सितंबर 2024 के अंत तक बेंगलुरु पहुंचने की उम्मीद है। हम फरवरी 2025 तक एक DTG प्रोटोटाइप ट्रेन के साथ सभी परीक्षण और ट्रायल पूरा करने की योजना बना रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि मौजूदा पर्पल और ग्रीन लाइनों को अगले साल 21 डीटीजी ट्रेनें मिलेंगी। उन्होंने कहा, “टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) मौजूदा लाइनों के लिए डीटीजी ट्रेनों की सप्लाई तभी करेगा, जब येलो लाइन (आरवी रोड – इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी में बोम्मासांद्रा) के लिए 14 कम्युनिकेशन-बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (CBTC) ट्रेनें उपलब्ध हो जाएंगी।”
उन्होंने कहा कि TRSL जून 2025 से डीटीजी ट्रेनों की सप्लाई शुरू कर देगा। अधिकारी ने कहा, “हम डीटीजी प्रोटोटाइप ट्रेन का उपयोग करके सभी परीक्षण पूरे करेंगे। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है क्योंकि पर्पल और ग्रीन लाइन पहले से ही चालू हैं, इसलिए हमारे पास ट्रेन के परीक्षण के लिए रात में सीमित चार घंटे के स्लॉट होंगे।”
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