राज्यसभा में बीजेपी की संख्या घटकर 86 हुई, क्या अहम बिलों को पास करा पाएगी सरकार?

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राज्यसभा में बीजेपी के सांसदों की संख्या घटकर अब 86 हो गई है। दरअसल, पिछले हफ्ते चार नामांकित सदस्य सदन से रिटायर हो गए। फिलहाल, ऊपरी सदन में एनडीए के सांसदों की संख्या 101 है, जो बहुमत की मौजूदा संख्या 113 से कम है। राज्यसभा में फिलहाल कुल 225 सांसद मौजूद हैं। सदन में विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक के कुल 87 सदस्य हैं। राज्यसभा में कांग्रेस के कुल 26 सांसद हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस के 13, आम आदमी पार्टी के 10 और डीएमके के 10 सांसद हैं।

क्या अहम बिलों को पास करने में बीजेपी को मुश्किल होगी?

एनडीए के पास बाकी 7 नॉमिनेटेड और 1 निर्दलीय सांसदों का समर्थन हासिल है। इसका मतलब यह है कि आगामी बजट सत्र के दौरान पार्टी 7 नॉमिनेटेड सांसदों, दो निर्दलीय सांसदों और मित्र दलों के सहयोग से अहम विधेयकों को पास करा सकती है। हालांकि, बीजेपी के लिए यह आसान नहीं होगा, क्योंकि ओडिशा में हार के बाद बीजू जनता दल ने बीजेपी का समर्थन करना बंद कर दिया है, जबकि पहले वह अक्सर विभिन्न मुद्दों पर सत्ताधारी पार्टी का समर्थन कर देती थी।

राज्यसभा में कितनी खाली सीटें हैं?

राज्यसभा में कुल 20 सीटें खाली हैं। दो-दो सीटें असम, बिहार और महाराष्ट्र से खाली हैं, जबकि हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा से एक-एक सीटें खाली हैं। एनडीए असम, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और त्रिपुरा से 7 सीटें जीत सकता है।

अगर यह महाराष्ट्र में अपने कुनबे को एकजुट रख पाता है, तो उसे इस राज्य से 2 सीटें और मिल सकती हैं। इस तरह, बीजेपी को 9 अतिरिक्त सीटें मिल सकती हैं। इन सीटों को नॉमिनेटेड सदस्यों के साथ मिला दिया जाए, तो उसके पास बहुमत का आंकड़ा पार करने के लिए पर्याप्त संख्या होगी।

बीजेपी की सीटें कम होने से क्या होगा?

बहुमत का आंकड़ा पार करने के लिए बीजेपी को अभी गैर-एनडीए पार्टियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, मसलन वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी और एआईएडीएमके। जब तक यह चार नॉमिनेटेड सीटों पर उम्मीदवारों का चुनाव नहीं करती और 11 खाली सीटें नहीं जीतती, तब तक उसके लिए बहुमत का आंकड़ा पार करना मुश्किल है।

कोई भी बिल पास करने के लिए बीजेपी को एनडीए पार्टियों से 15 वोट और अन्य से 12 वोटों की जरूरत होगी। इन 12 में से 7 का समर्थन बाकी नॉमिनेटेड सदस्यों से मिलेगा। समर्थन के लिए बीजेपी का सबसे बेहतर दांव वाईएसआर हो सकती है। जगनमोहन रेड्डी की पार्टी पहले भी बीजेपी को मुद्दों पर आधारित समर्थन दे चुकी है।

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