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Delhi vs Centre dispute: दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए शुक्रवार (19 जुलाई) को केंद्र से 10,000 करोड़ रुपये की मांग की। उन्होंने दावा किया कि आयकर के रूप में पिछले साल 2 लाख करोड़ रुपये का योगदान देने के बावजूद दिल्ली को कुछ नहीं मिला। मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली ने केंद्रीय करों में सेंट्रल GST के रूप में 25,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
केंद्र का वर्षिक बजट पेश होने से पहले आतिशी ने दिल्ली के लिए अधिक धनराशि जारी करने की वकालत करते हुए कहा कि इस राशि को सड़क, परिवहन और बिजली क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ शहर के सौंदर्यीकरण पर खर्च किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 2001 से केंद्र सरकार केंद्रीय करों से दिल्ली सरकार को केवल 325 करोड़ रुपये का भुगतान कर रही है। हालांकि, पिछले साल यह भुगतान भी बंद कर दिया गया और अब राष्ट्रीय राजधानी को एक रुपया भी नहीं दिया जाता।
आतिशी ने कहा, “2001 में केंद्र सरकार दिल्ली को 325 करोड़ रुपए दिया करती थी। उस समय दिल्ली सरकार का बजट 8,000 करोड़ रुपए होता था। यह 325 करोड़ रुपए ही पिछले 20 साल तक मिलते रहे। लेकिन पिछले साल से केंद्र सरकार ने दिल्ली को एक रुपया भी नहीं दिया।”
उन्होंने कहा, “दिल्लीवालों की केंद्र सरकार से मांग है कि वह जो इनकम टैक्स के रूप में 2 लाख करोड़ रुपए देते हैं, उसमें से 10,000 करोड़ रुपए मिलने चाहिए। यह रकम केंद्र के बजट का मात्र 0.25% है। वहीं यह रकम दिल्लीवालों के Income tax का मात्र 5 प्रतिशत है। केंद्र दिल्ली द्वारा दिए गए पैसे का बाकी हिस्सा देश में सड़कें और अस्पताल जैसे कामों पर खर्च करे लेकिन दिल्ली को भी उनके हक़ का पैसा दिया जाए।”
बीजेपी पर बोला हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) की सीनियर नेता आतिशी ने कहा कि जिस BJP के शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे तमाम राज्यों में सैकड़ों स्कूल बंद हो रहे हों, उस BJP को दिल्ली सरकार की क्रांतिकारी शिक्षा नीति पर सवाल उठाने का हक नहीं है। उन्होंने पूछा कि जैसा दिल्ली के साथ हो रहा है, वैसा दुनिया में कहीं और होता होगा?
मंत्री ने कहा कि क्या अमेरिका की सरकार न्यूयॉर्क से पैसा लेती होगी और बदले में एक पैसा भी नहीं देती होगी? जापान की सरकार टोक्यो और ब्रिटेन की सरकार लंदन के साथ ऐसा करती होगी? मुझे नहीं लगता कि ऐसा होता होगा। आज केंद्र सरकार भी दिल्ली के साथ भी सौतेला व्यवहार कर रही है। वह दिल्ली वालों से पैसा ले रही है लेकिन उनपर एक पैसा भी खर्च नहीं कर रही है।
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