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इंडिविजुअल्स, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) और पेंशनर्स की एक बड़ी उम्मीद पूरी नहीं हुई है। इन तीनों को उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सेक्शन 80टीटीए और सेक्शन 80टीटीबी के तहत डिडक्शन बढ़ाने का ऐलान यूनियन बजट में करेंगी। लेकिन, उन्हें निराशा हुई है। वित्तमंत्री ने इस बारे में कोई ऐलान नहीं किया है। आइए जानते हैं कि इन सेक्शन का मतलब क्या है?
क्या है सेक्शन 80TTA?
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत बैंक, कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस में सेविंग्स अकाउंट्स में जमा पैसे पर 10,000 रुपये तक के इंटरेस्ट पर डिडक्शन मिलता है। इस सेक्शन के तहत फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट से मिले इंटरेस्ट पर डिडक्शन नहीं मिलता है। सेक्शन 80TTA के तहत यह डिडक्शन 60 साल से कम उम्र के टैक्सपेयर्स और HUF को मिलता है।
क्या है सेक्शन 80TTB?
सेक्शन 80TTB के तहत बैंक के सेविंग्स और फिक्स्ड डिपॉजिट से 50,000 रुपये तक के इंटरेस्ट पर डिडक्शन मिलता है। यह डिडक्शन सीनियर सिटीजंस को मिलता है, जो बैंक या पोस्ट ऑफिस में पैसा रखते हैं। इस पैसे पर मिलने वाले इंटरेस्ट का इस्तेमाल वे अपने जरूरी खर्च को पूरा करने के लिए करते हैं। यह ध्यान रखने वाली बात है कि इन सेक्शन के तहत डिडक्शन का लाभ इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में उठाया जा सकता है।
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यूनियन बजट से पहले इस बात की उम्मीद लगाई जा रही थीं कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सीनियर सिटीजंस, इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स और कम इनकम वाले लोगों को टैक्स में बड़ी राहत देंगी। कई टैक्सपेयर्स का मानना था कि वित्तमंत्री सेक्शन 80टीटीए और सेक्शन 80टीटीबी के तहत डिडक्शन बढ़ाने का ऐलान 23 जुलाई को सकती हैं। खासकर सीनियर सिटीजंस को राहत देने के लिए सेक्शन 80टीटीबी के तहत डिडक्शन बढ़ने की उम्मीद थी। लेकिन, वित्तमंत्री ने यह उम्मीद पूरी नहीं की।
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