FY23 में घाटे में रहे ज्यादातर खुदरा निवेशक, इक्विटी कैश सेगमेंट में 70% रिटेल इनवेस्टर्स को झेलना पड़ा नुकसान: स्टडी – 70 percent individual investors in equity cash segment incurred losses in fy23 says sebi study

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वित्त वर्ष 2023 के दौरान इक्विटी कैश सेगमेंट में 70% से ज्यादा निवेशकों को नुकसान झेलना पड़ा। स्टॉक मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की स्टडी में यह बात सामने आई है। इस स्टडी की समीक्षा अकादमिक जगत से लेकर ब्रोकर्स और मार्केट एक्सपर्ट्स ने भी की है।

इस सिलसिले में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की तरफ से 24 जुलाई को जारी बयान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 के दौरान इक्विटी कैश सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग में शामिल लोगों की संख्या वित्त वर्ष 2019 के मुकाबले चार गुना बढ़ गई।

सेबी की स्टडी में वित्त वर्ष 2019, वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 को शामिल किया गया, ताकि कोरोना महामारी के बाद और पहले के ट्रेंड्स का तुलनात्मक आधार पर विश्लेषण किया जा सके। यह टॉप 10 स्टॉक ब्रोकर्स के इंडिविजुअल क्लाइंट्स के सैंपल पर आधारित है, जहां वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान इक्विटी कैश सेगमेंट में तकरीबन 86 पर्सेंट इंडिविजुअल क्लाइंट्स शामिल थे।

स्टडी के अन्य नतीजे कुछ इस तरह थे:

1. इक्विटी सेगमेंट में ट्रेड करने वाले 3 में से 1 शख्स इंट्राडे ट्रेडिंग करता है।

2. वित्त वर्ष 2022-23 में युवा इंट्राडे ट्रेडर्स ( 30 साल से कम की आयु वाले) की हिस्सेदारी बढ़कर 48 पर्सेंट हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 18 पर्सेंट था।

3. साल में 500 से ज्यादा ट्रेड करने वालों की कैटगरी में नुकसान सहने वाले इंडिविजुअल निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़कर 80 पर्सेंट हो गई।

4. युवा ट्रेडर्स (30 साल से कम वाले) में नुकसान सहने वालों का प्रतिशत (वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 76%) बाकी आयु वर्ग के मुकाबले ज्यादा रहा।

5. नुकसान सहने वाले लोगों के ट्रेड की संख्या मुनाफा कमाने वाले लोगों के ट्रेड की संख्या से ज्यादा थी।

6. वित्त वर्ष 2022-23 में नुकसान सहने वालों ने अपने ट्रेडिंग नुकसान का अतिरिक्त 57 पर्सेंट ट्रे़डिंग कॉस्ट के तौर पर खर्च किया, जबकि मुनाफा कमाने वालों ने अपने ट्रे़डिंग प्रॉफिट का 19 पर्सेंट हिस्सा ट्रेडिंग कॉस्ट पर खर्च किया।

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