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Ujjain Rape Case: मध्य प्रदेश के उज्जैन के आगर नाका क्षेत्र में कबाड़ बीनने वाली एक महिला को जबरन शराब पिलाकर सरेराह उससे कथित तौर पर बलात्कार करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने शहर के कोयला फाटक चौराहे के फुटपाथ पर महिला के साथ सरेआम रेप किया। किसी ने इस वारदात का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो अब वायरल हो गया है। वायरल वीडियो में एक व्यक्ति कबाड़ बीनने वाली महिला को शराब पिलाकर उसके साथ जबरन बलात्कार करता हुआ दिखाई दे रहा है।
यह मामला उज्जैन के कोयला फाटक चौराहे का बताया जा रहा है। आरोपी ने दिनदहाड़े महिला के साथ घिनौना कृत्य किया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और पीड़ित महिला की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोपी लोकेश घटना को अंजाम देकर वहां से फरार हो गया।
कोतवाली क्षेत्र के नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) ओम प्रकाश मिश्रा ने पीटीआई से कहा कि यह घटना तब सामने आई जब अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बनाया गया बलात्कार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उन्होंने कहा कि यह घटना बुधवार 4 सितंबर की है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मिश्रा ने कहा, “आरोपी लोकेश ने पीड़िता से शादी करने का वादा किया। फिर उसे जबरन शराब पिलाई। इसके बाद फिर उससे बलात्कार किया। कुछ लोग जो वहां से गुजर रहे थे। उन्होंने अपराध को रोकने के बजाय घटना का वीडियो बनाया। बाद में लोकेश मौके से भाग गया।” उन्होंने बताया कि नशा उतरने पर महिला ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद लोकेश को गिरफ्तार कर लिया गया।
कांग्रेस हुई हमलावर
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने X पर एक पोस्ट में कहा, “शर्मसार हुई धर्मनगरी उज्जैन। वैहशी दरिंदे ने किया भिक्षुक महिला के साथ खुलेआम कुकर्म, प्रदेश की क़ानून व्यवस्था हुई तार-तार!! “सत्ताधीशों शर्म से डूब मरो या कुर्सी छोड़ दो””
वहीं, मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रमुख जीतू पटवारी ने लिखा, ” धर्मनगरी उज्जैन एक बार फिर कलंकित हुई है! इस बार भी काला टीका Ujjain की कानून-व्यवस्था के माथे पर ही लगा है! यह सोचकर ही स्तब्ध हुआ जा सकता है कि मध्य प्रदेश में अब दिनदहाड़े, खुली सड़क पर बलात्कार शुरू हो गए हैं। ऐसा तभी संभव है जब कानून और सरकार का असर पूरी तरह से खत्म हो जाए!”
उन्होंने आगे कहा, “यदि मुख्यमंत्री के गृह नगर के यह हाल हैं, तो बाकी प्रदेश के हालात आसानी से समझ जा सकते हैं। दलित और आदिवासी महिलाओं के साथ लगातार हो रहे अत्याचार को भी महसूस किया जा सकता है! अब गृहमंत्री या मुख्यमंत्री नहीं, प्रदेश सरकार के एक-एक मंत्री से सवाल है! शर्म से डूब मरो या कुर्सी छोड़ दो! बेशर्मी से भरी इस निर्लज्ज व्यवस्था के खून में आखिर उबाल कब आएगा?”
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