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Aadhaar-based eKYC for LPG: अब फर्जी आईडी पर रसोई गैस लेना मुश्किल होने वाला है क्योंकि इसे आधार से जोड़ा जाएगा। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एलपीजी ग्राहकों की पहचान के लिए अब आधार वाली ईकेवाईसी शुरू कर रही है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी दी। इसके लिए कहीं जाना नहीं है बल्कि घर पर जब एलपीजी सिलिंडर की डिलीवरी होगी, उसी समय इसे पहुंचाने वाला शख्स एक ऐप के जरिए वेरिफाई करेगा। हालांकि ग्राहक अपनी सुविधा के हिसाब से अपनी डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास पहुंचकर भी इसे पूरा कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए न तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने और न ही सरकार कोई डेडलाइन तय किया है।
क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को आधार-बेस्ड ई-केवाईसी की जरूरत पड़ी क्योंकि कई लोग ऐसे हैं जो आवासीय नाम पर रसोई गैस ले लेते हैं लेकिन उसका इस्तेमाल कॉमर्शियल कामों में करते हैं। घरेलू एलपीजी सिलिंडर सस्ते में मिलती है जबकि कॉमर्शियल महंगा पड़ता है। जैसे कि 19 किग्रा वाला कॉमर्शियल गैस सिलिंडर 1646 रुपये में पड़ेगा तो 14.2 किग्रा वाला घरेलू सिलिंडर 803 रुपये में पड़ेगा। अब ई-केवाईसी के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस पर रोकथाम लगे और सब्सिडी सही लोगों को मिले।
eKYC होगी कैसे?
ई-केवाईसी तीन तरीकों से हो सकती है। एक तो नजदीकी एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर के शोरूम में जाएं। दूसरा गैस डिलीवरी करने वाला शख्स जब सिलिंडर पहुंचाएगा तो मोबाइल ऐप के जरिए इसे कर देगा। तीसरा तेल कंपनियों के मोबाइल ऐप के जरिए आसानी से ईकेवाईसी कर सकते हैं। भारत, इंडेन और एचपी के लिए ऐप प्ले स्टोर पर मिल जाएंगे।
मोबाइल ऐप के जरिए कैसे करें ईकेवाईसी
सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करें कि आधार मोबाइल से लिंक है और एलपीजी अकाउंट एक्टिव है। फिर अपने एलपीजी प्रोवाइडर की साइट पर जाएं। यहां ईकेवाईसी विकल्प चुनकर एलपीजी कंज्यूमर नंबर और आधार नंबर जैसी जरूरी डिटेल्स भरें। ओटीपी आएगा, उसे भरें। फिर इस डेटा को ऑयल मार्केटिंग कंपनियां प्रमाणित करेंगी और वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद कंफर्मेशन मैसेज आएगा।
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