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बिहार के अररिया और सीवान के बाद मोतिहारी में एक पुल ढलाई के एक दिन बाद ही ध्वस्त हो गया है। पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन प्रखंड में डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा निर्माणाधीन पुल भरभरा कर गिर गया। अब इसका वीडियो वायरल हो रहा है। लोग बिहार सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि घोड़ासहन प्रखंड अमावा से चैनपुर स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर बन रहे पुल की ढलाई का काम कई दिनों से चल रहा था। शनिवार को पुल के एक हिस्से की ढलाई भी हुई थी।
अचानक शनिवार की रात में करीब 40 फीट लंबा हिस्सा गिर गया। जिसपर ग्रामीणों की नजर रविवार की सुबह पड़ी। जिसके बाद इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से हो रहा था। इस पुल का निर्माण धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कर रही थी। इससे पहले अररिया और सीवान में भी पुल गिर चुके हैं। इधर, पुल हादसे के विरोध में लोगों ने जमकर नारेबाजी की। गिरे हुए पुल के सामने ग्रामीण खड़े हो गए इसके बाद नारेबाजी करने लगे।
22 जून को सीवान में गिरा था पुल
सीवान के महाराजगंज मंडल के पटेढ़ा और गरौली गांव के बीच गंडक नहर पर पुल अचानक गिर गया। दरअसल, शनिवार सुबह अचानक पुल का एक पाया धंसने लगा। देखते ही पुल नहर में समा गया। हादसे के बाद दो गांव के बीच आवागमन ठप हो गया। इलाके में हड़कंप मच गया। लोग पुल के निर्माण कार्य पर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक, गंडक विभाग की ओर से नहर की सफाई कराई गई थी। नहर की मिट्टी काटकर नहर के बांध में फेंकी गई थी। इससे पुल का पिलर काफी कमजोर पड़ गया। ग्रामीणों का कहना है कि नहर की सफाई के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। जिससे पुल के पिलर पर भार बढ़ गया और भरभराकर गिर गया।
18 जून को बकरा नदी पर बना पुल गिरा था
बता दें कि 18 जून को अररिया जिले सिकटी ब्लॉक में बकरा नदी पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही गिर गया। 182 मीटर का पुल कुल तीन हिस्सों में बना था। दो पाए के साथ दो हिस्सा नदी में समा गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत बने इस पुल की लागत 7.79 करोड़ रुपये थी। 182 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण 2021 में शुरू हुआ था। शुरुआती दौर में यह 7 करोड़ 80 लाख की लागत का था, लेकिन बाद में नदी की धारा बदलने और एप्रोच सड़क को लेकर कुल 12 करोड़ की लागत का हो गया था।
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