Budget 2024: कारोबारियों की मांग- GST किया जाए कम, एक्सपोर्ट पर करें फोकस

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Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन 23 जुलाई, 2024 को बजट पेश करेंगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस महीने 23 जुलाई को अपना लगातार सातवां बजट पेश करेंगी। जिसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं। देश के हर एक राज्य और इंडस्ट्री से जुड़े लोग बजट से अपनी डिमांड के बारे में बात कर रहे हैं। लखनऊ, कानपुर, विजयवाड़ा बिहार के कारोबारियों ने भी अपनी मांगें रखी हैं।

बजट 2024: विजयवाड़ा में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को टैक्स में राहत की उम्मीद

केंद्रीय बजट 2024 के पेश होने से पहले आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से जुड़े लोग टैक्स में राहत की आस लगाए बैठे हैं। लोग कारों और उनके स्पेयर पार्ट्स पर जीएसटी में कटौती की मांग कर रहे हैं, जिससे कीमतें कम होंगी और बिक्री बढ़ेगी। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) के मार्केट को बूस्ट करने के लिए टैक्स में छूट की उम्मीद कर रही है।

बजट 2024: कोसा सिल्क साड़ी बुनकरों की एक्सपोर्ट बढ़ाने की मांग

छत्तीसगढ़ कोसा रेशम से बनी अपनी अनूठी साड़ियों के लिए फेमस है। अपने जटिल डिजाइन और शिल्प कौशल के लिए फेमस इन साड़ियां को महिलाएं खास मौके और त्योहारों पर पहनती हैं। अब जब केंद्र सरकार अपना बजट पेश करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में कोसा सिल्क साड़ियों के बुनकरों को भी उम्मीद है कि इस बार सरकार उनके बारे में भी सोचेगी और उन्हें आर्थिक संकट से निकालेगी। बुनकरों की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है, वे लोग बुनकरी के एरिया को ठीक से ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। बुनकरों को जो मजदूरी मिल रही है, उनसे उनकी रोजी रोटी नहीं चल पा रहा है। तो केंद्र सरकार को बुनकरों की बुनाई के लिए दर बढ़ानी चाहिए। जिसकी वजह से वे चाहते हैं कि सरकार बजट में इंटरनेशनल मार्केट में कोसा रेशम की साड़ियों के एक्सपोर्ट पर फोकस करे और कुछ टैक्स में रियायत दे।

बजट 2024: उत्तर प्रदेश में उन्नाव लेदर इंडस्ट्री की बदट से डिमांड

लखनऊ और कानपुर से सटा इंडस्ट्रियल शहर उन्नाव अपने लेदर के लिए दुनिया भर में फेमस है। यहां लाखों कर्मचारी रहते हैं जो अपने रोजगार के लिए इस सेक्टर पर निर्भर हैं। उन्नाव जिले के लेदर बिजनेसमैन को इस साल आने वाले केंद्रीय बजट से बहुत उम्मीदें हैं। शहर के लेदर बिजनेसमैन को उम्मीद है कि सरकार इस इंडस्ट्री में ज्यादा पार्टनरशिप को बढावा देने के लिए बजट में जरूरी कदम उठाएगी और लेदर इंडस्ट्री के लिए सरकार से अलग मंत्रालय की मांग करेगी। उन्होंने कम प्रॉफिट मार्जिन का हवाला देते हुए कच्चे माल के इंपोर्ट पर टैक्स में कमी की भी उम्मीद जताई। लेदर इंडस्ट्री में बढावा, सब्सिडी और छूट की आवश्यकता है, हम जो कच्चा माल इंपोर्ट करते है उस पर टैक्स में कमी की जानी चाहिए। वरना जैसा कि मैंने पहले कहा, हर कोई निराश हो रहा है, फायदा कम हो रहा है, खर्च लगातार बढ़ रहे हैं, लेबर भी महंगा हो रहा है, साथ ही अनस्किल्ड लेबर भी स्किल्ड नहीं हो रहे है।

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