Budget 2024: फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में निवेशकों के लिए क्या ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी होनी चाहिए?

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बजट से पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 सूचकांक लगातार बुलिश बना हुआ है। 15 जुलाई को यह पहली बार 24,600 के लेवल पर पहुंच गया। हालांकि, बाजार में खरीदारी पहले से ही तेज है और FII की लॉन्ग पोजिशन भी ऐतिहासिक ऊंचाई पर है, लिहाजा सूचकांक की आगे और तेजी सीमित रह सकती है। IT सेक्टर में जबरदस्त निवेश की वजह से निफ्टी 24,450-24,500 के रेजिस्टेंस लेवल पर पहुंच गया है। ट्रेडर्स अब निफ्टी के लिए 24,000-25,000 के ट्रेडिंग रेंज और उतार-चढ़ाव में संभावित बढ़ोतरी के खिलाफ हेजिंग की सलाह दे रहे हैं।

FII लॉन्ग्स और इंडेक्स फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस

वीकली एक्सपायरी के लिए ऑप्शंस डेटा 15 जुलाई को सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट (OI) 25,000 CE दिखा रहा था। इसके बाद यह आंकड़ा 24,500 CE, 24,000 PE और 24,400 PE था। ओपन इंटरेस्ट पुट-कॉल रेशियो (OIPCR) 1.10 है, जो पॉजिटिव आउटलुक की तरफ इशारा करता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट सेटअप पॉजिटिव है, लेकिन आने वाले दिनों में इसकी रफ्तार सुस्त हो सकती है। निफ्टी के 24,700-24,750 के रेंज में रेजिस्टेंस की संभावना है और इससे ऊपर के लेवल पर 25,000 के लिए रास्ता साफ हो सकता है। 24,350 से 24,400 का पिछला रेजिस्टेंस जोन तात्कालिक सपोर्ट के तौर पर काम करता है और इस सप्ताह के लिए अगला अहम सपोर्ट लेवल 24,170 हो सकता है।

निफ्टी के लिए 24,000-25,000 की रेंज दिखा रहे पुट-कॉल ऑप्शंस

Hedged.in के फाउंडर राहुल घोष ने बताया, ‘हाल में FII लॉन्ग ऐतिहासिक ऊंचाई पर है और निफ्टी 24,500 को पार कर चुका है, लिहाजा टॉप लेवल पहुंच के दायरे में है। जुलाई और अगस्त, दोनों सीरीज के लिए मौजूदा ओपन इंटरेस्ट का मामला 24,500 के लेवल पर है और अधिकतम पुट राइटिंग के लिए लेवल 24,000 है, जबकि अधिकतम कॉल राइटिंग के लिए लेवल 25,000 है।’ इस आउटलुक और पहले इंप्लायड वोलैटिलिटी (IV) को ध्यान में रखते हुए घोष ने बजट से पहले कम जोखिम वाले डेरिवेटिव स्ट्रैटेजी की सलाह दी है।

संभावित बदलाव

घोष ने बताया, ‘ अगर निफ्टी बेयरिश कैंडल के साथ नीचे की तरफ 24,000 के लेवल को पार करता है, तो हम रणनीति में बदलाव कर सकते हैं। साथ ही, हम 26,000 CE को 25,500 के लेवल पर कर सकते हैं, ताकि और गिरावट की स्थिति में एक्सट्रा क्रेडिट हासिल किया जा सके।’ घोष के मुताबिक, फ्यूचर्स और फर्स्ट सोल्ड कॉल के बीच अंतर रखना जरूरी है, ताकि निफ्टी के फिर से तेज होने की स्थिति में चुनौतियों से बचा जा सके।

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