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Economic Survey 2023-24: सोमवार (22 जुलाई) को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में कहा गया है कि भारतीय ई-कॉमर्स इंडस्ट्री के 2030 तक 350 बिलियन डॉलर (350 अरब अमेरिकी डॉलर) के आंकड़े को पार करने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स सहित आधुनिक खुदरा व्यापार की हिस्सेदारी अगले 3-5 वर्षों में कुल खुदरा व्यापार का 30-35 प्रतिशत हो जाएगी। आर्थिक समीक्षा 2023-24 में यह भी कहा गया है कि निजी जानकारी में सेंध यानी डेटा गोपनीयता और बढ़ते ऑनलाइन धोखाधड़ी से जुड़े मुद्दे भारत में ई-कॉमर्स सेक्टर के विकास में महत्वपूर्ण बाधा बन रहे हैं।
पीटीआई के मुताबिक, संसद में पेश की गई समीक्षा में तीसरे पक्ष के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया कि भारत में ई-कॉमर्स इंडस्ट्री के 2030 तक 350 अरब अमेरिकी डॉलर को पार करने की उम्मीद है। इसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के सुरक्षित उपयोग पर यूजर्स को शिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
समीक्षा में कहा गया है कि निजी जानकारी में सेंध के मुद्दे और बढ़ते ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भारत में ई-कॉमर्स के विकास में सबसे महत्वपूर्ण बाधा बन गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के सुरक्षित उपयोग पर उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना अनिवार्य हो जाता है।
इसके मुताबिक तकनीकी प्रगति, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, PUI, एक जिला-एक उत्पाद (ODOP), डिजिटल वाणिज्य के लिए खुला नेटवर्क (ONDC), नई विदेश व्यापार नीति, FDI सीमा में ढील और उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) संशोधन नियम 2021 जैसी सरकारी पहल से भारत के ई-कॉमर्स बाजार को समर्थन मिला है।
आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की ऊपर की ओर गति तकनीकी प्रगति और नए जमाने के व्यापार मॉडल के साथ-साथ सरकारी नीतियों के कारण हुई है।
Q4FY24 के दौरान, भारत के 347 शहरों में सेवा देने वाले 95,000 से अधिक रेस्तरां और शीर्ष ब्रांडों के अपने मजबूत नेटवर्क के कारण खाद्य और पेय पदार्थों के ऑर्डर में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें उल्लेख किया गया है कि Tata Neu, Dominos और Ola ने अपने ऐप में खाद्य सेवाएं जोड़ी हैं। जबकि MagicPin और Paytm जैसे अन्य मूल्य निर्धारण और विशेष सौदों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
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किराना क्षेत्र में इसी अवधि के दौरान ऑर्डर में 52 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की गई। सर्वेक्षण में उल्लेख किया गया है, “Paytm और Otipy जैसे प्रमुख खिलाड़ी उन्नत डिजिटल स्टोरफ्रंट और QR कोड तकनीक में निवेश कर रहे हैं। कैच जैसे ब्रांडों के साथ सहयोग उत्पाद पेशकशों को बढ़ा रहा है, जिसमें वर्तमान में 6.3 मिलियन स्टॉक-कीपिंग यूनिट (SKU) शामिल हैं।”
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