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वित्त वर्ष 2024-25 का फाइनल बजट इस महीने के आखिर में पेश किया जाएगा। अगर अंतरिम बजट के लिहाज से बात करें, तो मौजूदा वक्त में भारत सरकार की फिस्कल स्थिति में मामूली सुधार देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार की ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू ग्रोथ 13.5 पर्सेंट रही। इसके उलट अंतरिम बजट में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 12.5 पर्सेंट ग्रोथ रहने की बात कही गई थी। ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू ज्यादा रहने पर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भी टैक्स रेवेन्यू ज्यादा रहने की संभावना रहेगी। बहरहाल, यह मुख्य तौर पर मैक्रो मानकों पर निर्भर करेगा।
2014-25 में ग्रोथ और रेवेन्यू की संभावनाएं
रिजर्व बैंक के मुताबिक, 2024-25 में वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 7.2 पर्सेंट रहने का अनुमान है। नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ का आकलन करने के लिए हमें इंप्लिसिट प्राइस डिफ्लेटर (IPD) आधारित इनफ्लेशन को लेकर कुछ आइडिया पर काम करने की जरूरत है। IPD आधारित इनफ्लेसन होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) इंडेक्स का वेटेड एवरेज है। इसमें WPI का वेटेड एवरेज आम तौर पर ज्यादा होता है।
नॉमिनल GDP ग्रोथ का अनुमान
रिजर्व बैंक (RBI) के एक सर्वे के मुताबिक, 2024-25 के लिए WPI इनफ्लेशन का अनुमान तकरीबन 3% है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान CPI इनफ्लेशन को लेकर RBI का अनुमान 4.5% है। इन आंकड़ों के आधार पर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए IPD आधारित इनफ्लेशन को लेकर हमारा आकलन 3.6% है। इसके साथ वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 7.2% के साथ नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ तकरीबन 11% रह सकती है।
कुल रेवेन्यू
अगर हम 1.1 की तीव्रता को मानकर चलें, तो हम ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू ग्रोथ 12.1% रहने का अनुमान लगा सकते हैं। अगर यह 2023-24 के लिए 34.65 लाख करोड़ रुपये के ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू पर लागू होता है, तो 2024-25 में ग्रॉस टैक्स रेवन्यू का आंकड़ा 38.84 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। इसमें से हम केंद्र सरकार के ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू में राज्य सरकारों का हिस्सा घटा सकतैं, जिससे नेट टैक्स रेवन्यू 26.44 लाख करोड़ रुपये रह जाएगा। इसके तहत केंद्र सरकार के रेवन्यू रिसीट का आकलन करने के लिए हमें नॉन-टैक्स रेवेन्यू जोड़ना होगा। हमारा अनुमान है कि रिजर्व बैंक के 2.11 लाख करोड़ के घोषित डिविडेंड की वजह से 2024-25 में सरकार का नॉन-टैक्स रेवेन्यू 2.11 करीबकन 5.09 लाख करोड़ रुपये हो सकता है।
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