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Budget 2024 Expectations: चुनावों के चलते इस साल फरवरी में पूरे वित्त वर्ष का बजट पेश नहीं हुआ था। सरकार के गठन के बाद पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट अगले महीने पेश करने की तैयारी जोरों से चल रही है। इस बार बजट 23-24 जुलाई के आस-पास पेश होने की उम्मीद है। एक बार फिर सैलरी एंप्लॉयीज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पुरानी मांगों के पूरी होने की बाट जोह रहे हैं। लंबे समय से उनकी मांग पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने और टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव की है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक खपत बढ़ाने के लिए सरकार सालाना 15 लाख रुपये से अधिक आय वालों को थोड़ी टैक्स राहत दे सकती है तो 10 लाख तक की सालाना आय वालों पर भी टैक्स का बोझ हल्का हो सकता है।
Budget 2024 Expectations: सैलरीड एंप्लॉयीज की ये है उम्मीदें
सैलरीड एंप्लॉयीज को बजट से ढेर सारी राहतों की उम्मीद है। वे इनकम टैक्स रीबेट, फिर से पुरानी पेंशन योजना लागू होने और 8वें वेतन आयोग के गठन के ऐलान की उम्मीद कर रहे हैं। पिछला वेतन आयोग 2014 में बना था और उसकी सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। वे चाहते हैं कि पुरानी टैक्स रिजीम के स्लैब में बदलाव हो या नए टैक्स रिजीम में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जाए।
ट्रेड यूनियन ने वित्त मंत्री से की ये मांग
सोमवार को ट्रेड यूनियन्स ने वित्त मंत्री के साथ प्री-बजट मीटिंग में कुछ अहम मांगें रखीं। यूनियनों ने सरकारी कंपनियों के निजीकरण को रोकने, नई पेंशन स्कीम को रद्द करने, सभी खाली पदों को भरने और कांट्रैक्ट-आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती को रोकने की मांग की है। सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स ने अनुरोध किया है कि सैलरी एंप्लॉयीज के लिए इनकम टैक्स रीबेट की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए और ग्रेच्यूटी भी बढ़ना चाहिए। यूनियन्स ने यह भी अनुरोध किया है कि अनऑर्गेनाइज्ड वर्कर्स और कृषक मजदूरों के सोशल सिक्योरिटी फंड होना चाहिए ताकि उन्हें कम से कम 9 हजार रुपये महीने के पेंशन की व्यवस्था हो सके। इसके साथ-साथ मेडिकल और एडुकेशन बेनेफिट्स भी मिल सके। यूनियन ने सुपर-रिच लोगों पर 1 फीसदी के इनहेरिटेंस टैक्स की भी वकालत की है।
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