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Crypto currency : क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX में साइबर चोरी के बाद अब इसके यूजर्स के सामने एक और दुविधा आ गई है। WazirX ने इस नुकसान को सभी यूजर्स में बराबर बराबर बांटने का प्रस्ताव रखा है। यानी जिस यूजर के टोकन चोरी नहीं भी हुए उन्हें भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बता दें कि क्रिप्टो दुनिया की सबसे बड़ी चोरी में देश के हजारों लोगों की करोड़ो की कमाई डूब गई। क्रिप्टो निवेशकों के 23 करोड़ डॉलर एक झटके में चले गए हैं। लेकिन बजाय इसका नुकसान उठाने के WazirX अब इस नुकसान को सभी यूजर्स में बराबर बांटना चाहता है।
WazirX ने प्रस्ताव रखा है कि जिन यूजर्स के सभी टोकन सुरक्षित है उन्हें भी उसका सिर्फ 55 फीसदी ही वापस मिलेगा। बाकी के 45 फीसदी को लॉक कर दिया जाएगा और इसका इस्तेमाल बाकी यूजर्स के नुकसान की भरपायी में होगा । इसके लिए WazirX यूजर्स से एक ओपिनियन पोल कराने जा रहा है। इस प्रस्ताव पर 3 अगस्त तक वोटिंग होगी। हालांकि इस प्रस्ताव से अधिकतर यूजर्स सही नहीं मान रहे और सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं।
यूजर्स के गुस्से के बाद WazirX के फाउंडर निश्चल शेट्टी को आखिरकार यह कहना पड़ा कि यह पोल आखिरी रास्ता नहीं है और एक्सचेंज बाकी विकल्पों पर भी विचार कर रहा है।
हालांकि यह साइबर चोरी WazirX पर हुई है लेकिन असर बाकी एक्सचेंज पर भी दिख रहा है। एक और लीडिंग क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX के कोफाउंडर सुमित गुप्ता ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा उतारते हुए कहा कि WazirX के इस प्रस्ताव से पूरे ईको सिस्टम को नुकसान होगा । भरपाई कंपनी को करनी चाहिए ना की यूजर्स को। साथ ही यह पोल इस तरह से बना है कि कंपनी के हितों को बचाया जाए ना कि यूजर्स के।
WazirX ने अपने पूर्व पार्टनर बाईनेंस (Binance) से गदद मांगी है। बाईनेंस के पास WazirX के 8 करोड़ डॉलर के WRX टोकन हैं। बता दें कि देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई लीगल फ्रेमवर्क नहीं है। सरकार भी समय समय पर लोगों क्रिप्टोकरेंसी से दूर रहने की सलाह देती रही है । यही कारण है इस साइबर चोरी से प्रभावित यूजर्स ना तो सरकारी अथॉरिटीज के पास जा पा रहे हैं ना ही उन्हें एक्सचेंज से कोई मदद मिल पा रही है।
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