Delhi Liquor Scam: अदालत ने ED की 7वीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया, केजरीवाल को किया तलब

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कथित आबकारी नीति “घोटाले” से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से दाखिल सातवीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर यहां की एक अदालत ने मंगलवार को संज्ञान लिया। संघीय जांच एजेंसी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का नाम लिया है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने आरोपपत्र पर संज्ञान लिया और केजरीवाल को 12 जुलाई के लिए सम्मन जारी किया।

इसके अलावा, अदालत ने विनोद चौहान के खिलाफ संघीय एजेंसी की ओर से से दायर एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट को भी स्वीकार कर लिया, जिसे मई में गिरफ्तार किया गया था। 12 जुलाई को उसी दिन अदालत में उनकी मौजूदगी के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया है।

चौहान पर 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान AAP के चुनाव अभियान के लिए कथित तौर पर ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत के जरिए मिले कैश ट्रासफर करने का आरोप है। वो इस मामले के संबंध में केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से गिरफ्तार किए गए 18वें व्यक्ति बन गए।

17 मई को, ED ने 2021-22 के लिए अब रद्द हो चुकी दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सातवीं सप्लीमेंट्र चार्जशीट दायर की था, जिसमें इस मामले में पहली बार केजरीवाल और AAP को आरोपी बनाया गया था।

केजरीवाल, फिलहाल तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं, उन्हें ईडी की ओर से दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 26 जून को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया था।

इससे पहले, केजरीवाल को 21 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था और 20 जून को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। हालांकि, हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।

धन शोधन निरोधक एजेंसी ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक 55 साल के केजरीवाल को 21 मार्च को यहां उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल आबकारी घोटाले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हैं और इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।

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