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उत्तर प्रदेश में नदियों के उफान पर रहने के कारण 750 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और शनिवार शाम तक 24 घंटे में बारिश से जुड़ी घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गई। राज्य के राहत विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस दौरान उत्तर प्रदेश में औसतन 7.4 मिलीमीटर (mm) बारिश दर्ज की गई। उनके अनुसार, सात लोगों की डूबने से मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से जान चली गई।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, विभाग ने कहा कि बारिश से कई नदियों में जलस्तर बढ़ा है, जिससे 17 जिलों के 776 गांवों में बाढ़ आ गई। उसके मुताबिक बाढ़ की वजह से 3,90,455 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 996 राहत शिविर बनाए हैं।
विभाग के मुताबिक, जलस्तर बढ़ने से 11,509 पालतू जानवर भी प्रभावित हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के रिलीफ कमिश्नर नवीन कुमार ने कहा, “NDRF और SDRF की टीम बाढ़ प्रभावित इलाकों में इससे जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर काम कर रही हैं। हमने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत कैंप बनाए हैं।”
असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर
वहीं असम में शनिवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, हालांकि राज्य के कई हिस्सों में जलस्तर घटने लगा है। गुवाहाटी में भारत मौसम विभाग के क्षेत्रीय केंद्र ने बताया कि असम के ज्यादातर जगहों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि कोकराझार जिले के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की तरफ से शुक्रवार रात जारी की गई एक रिपोर्ट में बताया कि राज्य में बाढ़ के कारण सात और लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 23 जिलों में 12.33 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।
असम में इस साल बाढ़, भूस्खलन, तूफान और बिजली गिरने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 106 हो गई है।
कई हिस्सों में कम हो रहा है बाढ़ का पानी
ASDMA की रिपोर्ट के अनुसार, धुबरी जिले में सबसे ज्यादा 3.18 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके बाद कछार में लगभग 1.5 लाख लोग और गोलाघाट में 95,000 से अधिक लोगों को प्राकृतिक आपदा के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ASDMA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ”राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी कम हो रहा है। क्योंकि ज्यादातर इलाकों में बारिश रुक गई है, इसलिए स्थिति में और सुधार होने की संभावना है।” फिलहाल, 2,95,651 विस्थापित लोगों ने 18 जिलों के 316 राहत शिविरों में शरण ले रखी है।
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