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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने सितंबर के पहले 15 दिनों में भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 27,856 करोड़ रुपये का निवेश किया है। भारतीय बाजार की मजबूती और अमेरिका में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद बढ़ना इसके पीछे प्रमुख कारण हैं। आम सहमति है कि फेडरल रिजर्व इस महीने ब्याज दरों में कटौती का साइकिल शुरू करेगा। इससे अमेरिका में बॉन्ड पर यील्ड घटेगी। FPI भारतीय बाजार में जून से लगातार बायर रहे हैं। इससे पहले अप्रैल-मई में उन्होंने शेयरों से 34,252 करोड़ रुपये निकाले थे।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अब सभी का ध्यान अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक पर है। बैठक के नतीजों से भारतीय शेयरों में FPI के निवेश का रुख तय होगा। बैठक 17-18 सितंबर को होने वाली है।
अगस्त में लगाए थे 7,320 करोड़
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने इस महीने 13 सितंबर तक शेयरों में शुद्ध रूप से 27,856 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके साथ ही इस साल अब तक शेयरों में FPI का निवेश 70,737 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। अगस्त में उन्होंने घरेलू शेयर बाजार में 7,320 करोड़ रुपये, जुलाई में 32,365 करोड़ रुपये और जून में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
बॉन्ड मार्केट में कितना निवेश
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों के अलावा सितंबर के पहले दो सप्ताह में वॉलंटरी रिटेंशन रूट के माध्यम से डेट या बॉन्ड बाजार में 7,525 करोड़ रुपये डाले। साथ ही फुली एक्सेसेबल रूट (FAR) के तहत नामित सरकारी डेट सिक्योरिटीज में 14,805 करोड़ रुपये का निवेश किया। FPI ने अगस्त में बॉन्ड बाजार में 17,960 करोड़ रुपये का निवेश किया।
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