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GST Council Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में कल 22 जून को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की 53वीं बैठक होने वाली है। करीब 8 महीने के बाद GST काउंसिल की होने वाली पहली बैठक है। इसके अलावा यह एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में होने वाली पहली GST काउंसिल बैठक है। इस बैठक में जीएसटी से जुड़े से कई अहम मुद्दों पर चर्चा और फैसला हो सकता है। इसमें गेमिंग कंपनियों को भेजा गया टैक्स डिमांड नोटिस का मुद्दा भी शामिल है। यह बैठक ऐसे में हो रही है, जब कुछ हफ्तों में सरकार को संसद में बजट पेश करना है। इसके चलते GST काउंसिल की बैठक की अहमियत और बढ़ गई है। आइए जानतें है कि इस बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
1. फर्टिलाइजर्स पर माफ हो सकता है GST
ऐसा माना जा रहा है कि काउंसिल फर्टिलाइजर को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का फैसला कर सकती है। इससे इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की कम या सही किया जा सकेगा। इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर का मामला तब बनता है जब कच्चे माल पर लगने वाला जीएसटी, तैयार उत्पाद पर लगने वाले जीएसटी से अधिक होता है। फिलहाल फर्टिलाइजर्स पर 5% जीएसटी लगता है।
2. ऑनलाइन गेमिंग पर लगाए गए टैक्स की समीक्षा
GST काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर लगाए गए 28% टैक्स के फैसले की समीक्षा भी हो सकती है। काउंसिल ने अक्टूबर 2023 में 52वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कैसीनो पर 28% फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया था।
3. पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाने पर चर्चा
बैठक में पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा हो सकती है। फिलहाल पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल और नैचुरल गैस जैसे प्रोडक्ट GST के दायरे से बाहर हैं। इनको जीएसटी में शामिल किए जाने की समय-समय पर मांग होती रहती है। इंडस्ट्री का कहना है कि इससे उसे फायदा हो सकता है।
4. कॉरपोरेट गारंटी पर अधिक स्पष्टता
इंडस्ट्री जगत को उम्मीद है कि कर्मचारियों को दी जाने वाली कॉरपोरेट गारंटी और ESOPs पर टैक्स लगाने की परिस्थितियों और इसके वैल्यूएशन पर काउंसिल अधिक स्पष्टता लाएगी। GST काउंसिल की पिछली बैठक यह फैसला लिया गया था कि मूल कंपनी ने जो गारंटी दी है, उस राशि के 1% या वास्तविक प्रतिफल में जो भी अधिक हो, उस पर 18% जीएसटी (GST) लगाया जाएगा।
5. GST दरों को तर्कसंगत बनाने पर चर्चा
इस बैठक में जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठिक मंत्रियों के समूह (GoM) की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों के भुगतान की गई स्पेक्ट्रम फीस पर टैक्स लगाने का मुद्दा भी शामिल है। हालांकि काउंसिल की बैठक का एजेंडा अभी सार्वजनिक मंच पर नहीं आया है।
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