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Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई भगदड़ की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस ‘भोले बाबा’ की तलाश कर रही है। लेकिन पुलिस ने जो FIR दर्ज की है उसमें बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ का नाम नहीं है। राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। अधिकांश अनुयायियों की मौत दम घुटने के कारण हुई। हाल के वर्षों में हुई यह सबसे बड़ी त्रासदी है।
कुछ लोगों का कहना है कि लोग प्रवचनकर्ता बाबा की कार के पीछे भागते समय कीचड़ में फिसल गए, जिससे भगदड़ मच गई। हाथरस जिले के फुलरई गांव में बाबा नारायण हरि द्वारा आयोजित सत्संग में शामिल होने के लिए लाखों अनुयायी पहुंचे हुए थे। बाबा नारायण हरि, साकार विश्व हरि भोले बाबा के नाम से भी लोकप्रिय हैं।
राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मंगलवार को इस हादसे में मरने वालों की संख्या 116 बताई थी जिनमें सात बच्चे, एक पुरुष और बाकी सभी महिलाएं हैं। राहत आयुक्त द्वारा जारी की गई ताजा सूची के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है, जिनमें से 19 की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं और लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस का दौरा कर सकते हैं।
बयान के अनुसार नारायण साकार विश्व हरि के नाम से लोकप्रिय ‘भोले बाबा’ के सत्संग में हाथरस जिले में लाखों अनुयायी पहुंचे हुए थे। सत्संग में प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति से अधिक अनुयायी थे।
FIR में बाबा का नाम नहीं
हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार, सत्संग के आयोजकों और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है। अधिकारी ने बताया कि मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। लेकिन इस FIR में सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
हाथरस भगदड़ के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है, जिसमें प्रशासनिक जिम्मेदारी और सुरक्षा उपायों में स्पष्ट चूक को रेखांकित किया गया है। याचिका में पिछली घटनाओं से न सीखने के एक चिंताजनक पैटर्न की ओर इशारा किया गया है, जिसमें सरकारी अधिकारियों पर सार्वजनिक सुरक्षा के प्रति अपने कर्तव्य को निभाने में विफलता का आरोप लगाया गया है।
याचिका में कई शिकायतों को रेखांकित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह घटना स्पष्ट रूप से सरकारी अधिकारियों द्वारा जिम्मेदारी, लापरवाही और देखभाल के प्रति निष्ठा की कमी को दर्शाती है। यह अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाओं की आलोचना करता है जो स्पष्ट रूप से ऐसी अप्रत्याशित त्रासदी को रोकने में अपर्याप्त थीं।
बाबा के प्रभाव और अनुयायियों की अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार रात को उत्तर प्रदेश शासन की ओर से भगदड़ के जिन मृतकों की सूची जारी की गई उनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एटा और हाथरस जिलों के अलावा आगरा,संभल,ललितपुर,अलीगढ़,बदायूं, कासगंज,मथुरा,औरैया, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बुलंदशहर, हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल, मध्यप्रदेश के ग्वालियर, राजस्थान के डीग आदि जिलों से सत्संग में पहुंचे थे। खासतौर से बाबा के समागम में जाने वाली अधिकांश महिलाएं हैं।
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