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IAS Puja Khedkar controversy: पुणे पुलिस ने विशेषाधिकारों के कथित दुरुपयोग को लेकर विवादों में रहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की ट्रेनी अधिकारी पूजा खेडकर द्वारा कथित तौर पर लाल बत्ती लगाकर अवैध रूप से इस्तेमाल की गई लग्जरी ऑडी कार जब्त कर ली। पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ने शहर की एक निजी कंपनी को नोटिस जारी किया था। 34 वर्षीय खेडकर कीनियुक्ति के दौरान उनके द्वारा इस्तेमाल की गई ऑडी कार इसी कंपनी के नाम से रिजस्टर्ड है।
अधिकारियों के अनुसार, रजिस्टर्ड उपयोगकर्ता का पता हवेली तालुका के शिवाने गांव उल्लेख किया गया था। एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि खेडकर ने मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करते हुए निजी कार पर VIP नंबर प्लेट के साथ लाल और नीली बत्ती का इस्तेमाल किया था। उन्होंने बिना अनुमति के वाहन पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ भी लिखवाया था।
अधिकारी ने बताया कि कार पर कुल 21 ट्रैफिक उल्लंघनों के लिए 26,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। खेडकर हाल में पुणे में अपने तैनाती के दौरान अलग ऑफिस और कर्मचारी जैसी मांगों को लेकर विवाद खड़ा करने के बाद चर्चा में रही थीं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने जाने के लिए उन्होंने दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा का कथित तौर पर दुरुपयोग किया था। खेडकर ने ऑडी कार पर कथित तौर पर लाल बत्ती का इस्तेमाल किया और बिना अनुमति उसपर महाराष्ट्र सरकार भी लिखवाया था। विवाद के बाद, उन्हें ट्रेनिंग पूरा होने से पहले पुणे से वाशिम जिले में ट्रांफसर कर दिया गया था।
जा सकती है नौकरी
पूजा खेडकर के खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है। उनको दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि समिति ने अपनी जांच शुरू कर दी है। एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, “यदि अधिकारी दोषी पायी जाती है तो उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। यदि यह पाया जाता है कि उन्होंने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है या यह पाया जाता है कि उनका चयन जिन दस्तावेजों के आधार पर किया गया है, उनमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा है तो उन्हें आपराधिक आरोपों का भी सामना करना पड़ सकता है।”
साल 2023 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी खेडकर ट्रेनी हैं और वर्तमान में अपने गृह कैडर महाराष्ट्र में तैनात हैं। पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गाडरे को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वे “प्रशासनिक जटिलताओं” से बचने के लिए खेडकर को दूसरे जिले में तैनाती देने पर विचार करें, जिसके बाद इस विवादास्पद अधिकारी को वाशिम भेज दिया गया।
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दिवासे ने कनिष्ठ कर्मचारियों के साथ कथित आक्रामक व्यवहार, अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के चैंबर पर अवैध कब्जा और ऑडी पर लाल बत्ती लगाने तथा दिन के समय इसे लगाकर चलने से संबंधित उल्लंघनों सहित खेडकर के व्यवहार के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
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