[ad_1]
Income Tax Budget: बजट में टैक्सपेयर्स को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने थोड़ी राहत दी है। बजट में टैक्स के नए ऐलान के बाद 17,500 रुपये का टैक्स बच जाएगा। आइए पहले जानते हैं कि सरकार ने बजट में इनकम टैक्स में क्या घोषणाएं की है। एक तरह से 7 लाख 75 हजार रुपये तक की इनकम पर टैक्स लाएबिलिटी जीरो हो सकती है। बजट में सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75000 रुपये कर दिया है। टैक्सपेयर्स काफी समय से स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे। इस बजट में सरकार ने टैक्सपेयर्स की इस मांग का ध्यान रखा है। साथ ही नए टैक्स रीजीम में टैक्स स्लैब में बदलाव कर दिया गया है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन में छूट
टैक्सपेयर्स को सबसे बड़ी राहत स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) में मिली है। वित्तमंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया है। पहले यह 50,000 रुपये था। यहां एक पेच है। ये सिर्फ इनकम टैक्स की नए रीजीम के लिए है। इनकम टैक्स फाइलिंग में नए टैक्स रीजीम को चुनने वाले वाले टैक्सपेयर्स 75,000 स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं। इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम के टैक्सपेयर्स को सिर्फ पहले की तरह 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलेगा। अब 7.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स लाएबिलिटी जीरो हो जाएगी।
इनकम टैक्स में दूसरी बड़ी राहत
इनकम टैक्स में दूसरा बड़ा ऐलान नई रीजीम में टैक्स स्लैब से जुड़ी है। वित्तमंत्री ने नई रीजीम में टैक्स स्लैब में थोड़ा बदलाव किया है। 0 से 3 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3 से 7 लाख रुपये की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा। 7 से 10 लाख रुपये की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा। 10 से 12 लाख रुपये की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा। 12 से 15 लाख रुपये की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा। 15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
बजट से पहले नई रीजीम में टैक्स स्लैब
पहले नई रीजीम में 0 से 3 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं लगता था। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले 3 लाख रुपये से ज्यादा से लेकर 6 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगता था। 6 लाख से 9 लाख रुपये तक की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स लगता था। 9 से 12 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगता था। 12 से 15 लाख रुपये तक की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स लगता था। 15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता था। यानी, अब नए बदलाव के बाद टैक्सपेयर्स का 17,500 रुपये का टैक्स बच जाएगा।
[ad_2]
Source link