ITR Filing: इनकम कम है तो भी फाइल करें इनकम टैक्स रिटर्न, इसके फायदों के बारे में यहां जान लीजिए

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इनकम टैक्स एक्ट यह कहता है कि अगर व्यक्ति की सालाना इनकम एक सीमा से ज्यादा है तो उसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इस सीमा को बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी व्यक्ति की सालाना इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है तो उसे रिटर्न फाइल करना होगा। इसके अलावा कुछ ऐसी स्थितियां है, जिनके लागू होने पर भी आपको रिटर्न फाइल करना होगा भले ही आपकी सालाना इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से कम है।

एक्सपर्ट्स की सलाह

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर व्यक्ति की सालाना इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट (Basic Exemption Limit) से कम है तो भी उसे रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करना चाहिए। इसके कई फायदे हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

टैक्स रिफंड के लिए

कई बार इनकम से TDS काट लिया जाता है। यह इनकम सैलरी, कमीशन, फीस आदि के जरिए हो सकती है। EY India के टैक्स पार्टनर रामा कर्माकर का कहना है कि कई बार व्यक्ति की इनकम से ज्यादा टीडीएस काट लिया जाता है। इस अतिरिक्त TDS के रिफंड के लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। अगर आप इनकम टैक्स फाइल नहीं करते हैं तो वह पैसा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास पड़ा रहेगा।

लॉस कैरी-फॉरवर्ड करने के लिए

अगर किसी वित्त वर्ष में आपको लॉस हुआ है तो उसे आगे के सालों में गेंस के साथ एडजस्ट किया जा सकता है। कर्माकर ने कहा कि अगर व्यक्ति अपने लॉस को कैरी-फॉरवर्ड करना चाहता है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। तभी हाउस प्रॉपर्टी या कैपिटल एसेट्स को बेचने से हुए लॉस को आने वाले सालों में कैपिटल गेंस के साथ एडजस्ट किया जा सकता है। जिस फाइनेंशियल ईयर में आपको लॉस हुआ है अगर आप उस ईयर का रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो फिर आप लॉस को एडजस्ट नहीं कर सकेंगे।

लोन लेने के लिए

अगर आपको लोन लेना है तो इसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न जरूरी है। बैंक या NBFC रिटर्न को इनकम का सबसे स्ट्रॉन्ग प्रूफ मानते हैं। RSM India के फाउंडर सुरेश सुराना ने कहा कि लोन के लिए अप्लाई करने पर बैंक और एनबीएफसी आपके अप्लिकेशन को तभी प्रोसेस करते हैं जब आप इनकम टैक्स रिटर्न सब्मिट करते हैं। इनकम टैक्स रिटर्न नहीं होने पर भी आपको लोन मिल सकता है, लेकिन उसका इंटरेस्ट रेट काफी ज्यादा हो सकता है।

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विदेश जाने के लिए

अगर आप विदेश जाना चाहते हैं तो आपको अपने वीजा अप्लिकेशन के साथ इनकम का प्रूफ सब्मिट करने को कहा जा सकता है। सुराना ने कहा कि अगर कोई सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल विदेश जाने के लिए वीजा के लिए अप्लाई करता है तो उसका अप्लिकेशन इनकम प्रूफ देने के बाद ही प्रोसेस होता है। इनकम टैक्स रिटर्न को इनकम का सबसे स्ट्रॉन्ग प्रूफ माना जाता है। कई बार तो वीजा इश्यू करने वाली अथॉरिटी पिछले कई सालों का रिटर्न मांगती है।

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