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पिछले महीने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कोलकाता में एक ट्रायल कोर्ट के सामने अपना रिमांड नोट पेश किया। इस रिमांड नोट में सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें “सामूहिक बलात्कार” का जिक्र नहीं किया है। शुरुआत में कोलकाता पुलिस मामले की जांच कर रही थी। उसने 9 अगस्त को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (1) (हत्या) के तहत FIR दर्ज की थी।
बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से मामले की जांच करने का निर्देश दिए जाने पर CBI ने उन्हीं धाराओं के तहत FIR दर्ज की। सियालदह में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) अदालत ने संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
रिमांड नोट में गैंगरेप की धारा नहीं
Hindustan Times ने इस मामले से जुड़े लोगों के हवाले से बताया, “एजेंसी ने शुक्रवार को ACJM अदालत के सामने रॉय के लिए न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए, रिमांड नोट में BNS की धारा 70 (1) (सामूहिक बलात्कार की धारा) को शामिल नहीं किया, जो बताता है कि रॉय इस मामले में अकेला आरोपी है।”
हालांकि, अधिकारी ने कहा कि जांचकर्ता मामले के किसी भी चरण में दंडात्मक धाराएं जोड़ सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि जांच कैसे आगे बढ़ रही है। भले ही शुरुआत में इस मामले को कोलकाता पुलिस का जासूसी विभाग संभाल रहा था, लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर 13 अगस्त से CBI इसकी जांच कर रही है।
इस पर किसी भी सीबीआई अधिकारी ने कोई टिप्पणी नहीं की।
संजय रॉस अकेला गिरफ्तार आरोपी
रॉय इस मामले में अब तक गिरफ्तार किया गया अकेला आरोपी है। अपराध के एक दिन बाद कोलकाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। बाद में मामला CBI को सौंप दिया गया।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारी जांच से पता चला कि रॉय अपराध में शामिल अकेला व्यक्ति था। उसने अपराध भी कबूल कर लिया। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और सामग्री सीबीआई को सौंप दी गई थी।”
सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप
जहां सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप काफी समय से सामने आ रहे हैं, वहीं 22 अगस्त को CBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि क्राइम सीन को बदल दिया गया था। हालांकि, राज्य सरकार ने आरोपों का खंडन किया था।
बाद में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसमें कथित तौर पर दिखाया गया कि अस्पताल के सेमिनार हॉल में भीड़ जमा हो गई थी, जहां जूनियर डॉक्टर का शव मिला था।
कोलकाता पुलिस ने बाद में दावा किया कि क्राइम सीन की घेराबंदी कर दी गई थी और किसी भी अनधिकृत व्यक्ति ने एरिया में एंट्री नहीं की थी, लेकिन बाद में घेरे गए इलाके में दो व्यक्तियों की पहचान पर सवाल उठाए गए। हालांकि, रॉय ने ACJM अदालत के सामने दावा किया है कि उन्हें फंसाया जा रहा है।
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