Mumbai rains: मुंबई में मूसलाधार बारिश, जुलाई महीने की बारिश का टूटा रिकॉर्ड – mumbai rains records second wettest july with 1656 mm rainfall lake levels steady

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देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में झमाझम बारिश ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। पिछले करीब 25 दिन से मूसलाधार बारिश हुई थी। साल 2020 के बाद में मुंबई में जुलाई महीने में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। 26 जुलाई 2024 से बारिश की रफ्तार कमजोर हो गई है। मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि अब जुलाई के आखिरी हफ्ते में बारिश की संभावना कम है। अब अगस्त महीने में फिर से मूसलाधार बारिश की आशंका है। IMD का कहना है कि मानसूनी सिस्टम अब दक्षिण भारत की ओर चला गया है। इस महीने के आखिरी 4 दिन आसमान में बादल छाए रहेंगे। रुक-रुक कर बारिश भी हो सकती है।

वहीं जुलाई के महीने में काफी बारिश हुई है। इस मानसून में 27 जुलाई को सुबह 8.30 बजे तक 2,003 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसमें सिर्फ जुलाई महीने में ही 1,656 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि पिछले महीने 347 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।

साल 2020 के बाद जुलाई के महीने में मुंबई में सबसे ज्यादा बारिश

जुलाई का महीना शहर में साल 2020 के बाद अब तक का दूसरा सबसे ज़्यादा बारिश वाला महीना है। वहीं पिछले साल यानी साल 2023 में इसी अवधि में 1776 मिमी बारिश हुई थी। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2020 में जुलाई महीने में 1502.6 मिमी बारिश हुई थी। वहीं साल 2019 में 1464.8 मिमी, साल 2014 में 1468.7 मिमी, साल 2005 में 1454.5 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। 26 जुलाई 2005 में को एक दिन में 944 मिमी बारिश होने से मुंबई में बाढ़ आ गई थी। भारी बारिश की वजह से कई जगह जलभराव की समस्या देखने को मिली। मुंबई से सटे ठाणे जिले में मूसालाधार बारिश हुई। भारी बारिश का असर लोकल ट्रेन और फ्लाइट्स पर भी पड़ था। लोकल की रफ्तार धीमी हो गई थी। कई ट्रेनें अपने समय से 15-20 मिनट देरी से चल रहीं थी।

मुंबई के जलाशय लबालब भरे

वहीं मुंबई में पानी की आपूर्ति करने वाले जलाशयों की बात करें तो यहां भी पानी का स्तर बढ़ गया है। पानी के भंडारण में इजाफा हुआ है। हालांकि तालाब के इलाकों में मुंबई के मुकाबले बारिश कम हुई है। सबसे अधिक बारिश वैतरणा बांध में हुई है। यहां 27 जुलाई 2024 को सुबह तक 24 घंटों में 25 मिनी बारिश हुई थी। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के मुताबिक, तुलसी, विहार, मोडक सागर और तानसा सीलें ओवरफ्लो हो चुकी हैं। ऊपरी वैतरणा का पानी का स्टॉक 40.91 फीसदी, भता का 69.79 फीसदी और मध्य वैतरणा का 72.29 फीसदी स्टॉक है। इन तीनों झीलों से शहर को सबसे ज्यादा पानी की सप्लाई की जाती है।

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