NEET Paper Leak: जेल में बेटा, राजनीति में पत्नी, कौन है NEET-UG पेपर लीक का ‘मास्टरमाइंड’ संजीव मुखिया?

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NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में अब तक छह बिचौलियों, चार छात्रों और तीन अभिभावकों, समेत कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे चौंकाने वाले खुलासे बिहार में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों ने किए हैं, जिसमें एक छात्र, एक उसका चाचा और दो बिचौलिय हैं। उन्होंने कथित बयानों में पुलिस को बताया गया है कि कैसे 5 मई की परीक्षा से एक दिन पहले चार उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र और जवाब याद करने के लिए कहा गया था और प्रति उम्मीदवार 40 लाख रुपए लिए गए।

अहम सवाल ये है कि लेकिन इस पेपर लीक के इतने बड़े लीक के पीछे दिमाग किसका है? मेडिकल प्रवेश परीक्षा का प्रश्नपत्र सबसे पहले किसने लीक किया?

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU), जो NEET-UG पेपर लीक मामले की जांच कर रही है, उसने कुछ भी कहने इनकार कर दिया है, लेकिन बिहार पुलिस के सूत्रों ने News18 को बताया कि अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ में संजीव ‘मुखिया’ नाम के शख्स का नाम सामने आया है। संजीव रैकेट का कथित मास्टरमाइंड है, जो अब भी फरार है।

कौन है संजीव मुखिया?

क्या संजीव ‘मुखिया’ इस चेन की पहली कड़ी, पेपर लीक का शुरुआती सोर्स है? आधिकारिक तौर पर, बिहार पुलिस इन सवालों पर चुप्पी साधे हुए है। लेकिन पुलिस के सूत्रों का कहना है कि अब तक की जांच में ये पता चला है कि वो बिहार के नालंदा जिले का रहने वाला है, तो आइए जानते हैं कि आखिर ये संजीव ‘मुखिया’ कौन है…

सूत्रों का कहना है कि उसका असली नाम संजीव सिंह बताया जाता है और उसकी पत्नी ममता देवी को भुतखार पंचायत का ‘मुखिया’ चुना गया था, जिसके बाद से संजीव को भी सभी लोग ‘मुखिया’ कहने लगे। उसकी पत्नी ने भी लोक जन शक्ति पार्टी (LNJP) के टिकट पर हरनौत सीट से 2020 के बिहार चुनाव में चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गई थी।

News18 ने एक पुलिस सूत्र के हवाले से बताया, “संजीव ने ही प्रश्नपत्र की व्यवस्था की और इसे एक ‘रॉकी’ नाम के शख्स को सौंप दिया, जो अभी भी फरार है।” उन्होंने कहा कि संजीव का नाम पेपर लीक जांच में पहली बार सामने नहीं आया है।

पेशे से डॉक्टर है बेटा

सूत्र ने कहा, “उसका नाम कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में सामने आया है और उन्हें जेल भी जाना पड़ा है।”

बताया जाता है कि पेशे से डॉक्टर संजीव का बेटा भी बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में फिलहाल जेल में है। कथित तौर पर, पिता-पुत्र की जोड़ी ‘मुखिया सॉल्वर गैंग’ का हिस्सा है, जो एक कुख्यात ग्रुप है, जिसके बारे में माना जाता है कि ये परीक्षा धोखाधड़ी में शामिल है।

बिहार के नालंदा जिले के नगरसौना का रहने वाला संजीव ‘मुखिया’ नालंदा कॉलेज की नूरसराय ब्रांच में टेक्निकल असिस्टेंट है। इससे पहले वो सबौर कृषि महाविद्यालय में काम करता था, इसी तरह के पेपर लीक घोटाले में फंसने के बाद उसे नूरसराय में ट्रांसफर कर दिया गया था। इसी मामले में 2016 में उत्तराखंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

ACGM कोर्ट से मांगी अग्रिम जमानत

6 मई, 2024 के बाद से उसे नहीं देखा गया है, जब से उसका नाम NEET-UG 2024 पेपर लीक के सिलसिले में सामने आया था।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि बिहार, राजस्थान और दिल्ली में पेपर लीक मामले में कई गिरफ्तारियों से उसके शामिल होने का शक बढ़ा है। नालंदा कॉलेज प्रशासन ने भी उसकी अनुपस्थिति की पुष्टि की है।

हालांकि, संजीव ‘मुखिया’ एक्शन में पूरी तरह से गायब नहीं है। उसने किसी भी गलत काम से इनकार किया है, दावा किया है कि उसे फंसाया जा रहा है और उसने अपने वकील के जरिए पटना सदर के ACGM 9 कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है।

कैसे हुआ बिहार ग्रुप का भंडाफोड़

बिहार पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि ये सब 5 मई को एक फोन कॉल से शुरू हुआ, जिस दिन NEET-UG की परीक्षा कराई गई थी।

एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि एक साधारण सी जानकारी NEET-UG पेपर लीक में शामिल हाई-प्रोफाइल गिरोह का पर्दाफाश कर सकती है, जो एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है।”

ये कॉल झारखंड की एक सेंट्रल एजेंसी से आई थी, जिसने बिहार पुलिस को NEET-UG 2024 प्रश्न पत्र लीक करने वाले गिरोह के बारे में सचेत किया था। इनपुट में आरोपियों की ओर से इस्तेमाल की जा रही कार की डिटेल थी।

बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने तेजी से कार्रवाई की और कार को ट्रैक कर लिया। हमने संगठित गिरोह के कथित सदस्यों को NEET-UG परीक्षा लीक में कथित रूप से शामिल पाया।”

ये इस पूरी का महज एक सिरा था, जिसने आगे की जांच में पुलिस को कथित तौर पर रैकेट में शामिल 13 लोगों तक पहुंचाया, जिनमें छात्र और उनके माता-पिता भी शामिल थे।

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