[ad_1]
NEET-UG पेपर लीक को लेकर एक और नया खुलासा सामने आया है। CBI के सूत्रों के मुताबिक, NEET-UG पेपर लीक के आरोपियों ने काफी सावधानी बरती और केवल 120 उम्मीदवारों को ही निशाना बनाया। ये कैंडिडेट वो थे, जिन्होंने सिलेक्शन के लिए एडवांस पैसा और 20 लाख रुपए के पोस्ट-डेटेड चेक दिए थे। CBI ही इस पूरे मामले की अब जांच कर रही है। सूत्रों ने कहा, “आरोपियों ने यह काम बहुत सावधानी से किया और उन्हें बड़े पैमाने पर भी लीक की संभावना थी। उन्होंने जानबूझकर ज्यादा लोगों को अपने जाल में नहीं फंसाया। वे जानते थे कि अगर पेपर किसी ऐप पर लीक हो गया, तो ये वायरल हो सकता है और आखिर में परीक्षा रद्द हो सकती है। उन्होंने किसी भी संस्थान से संपर्क करने से भी परहेज किया।”
CNN-News18 ने अपनी रिपोर्ट में इन सूत्रों के हवाले से बताया कि आरोपी सुबह 8:02 बजे कमरे में दाखिल हुआ और पेपर की तस्वीरें लेने, बंडल को दोबारा पैक करने और फिर से सील करने के बाद 9:23 बजे बाहर निकल गया।
NEET पेपर लीक से नहीं हुआ ज्यादा नुकसान
सूत्रों ने बताया, “कोई सोशल मीडिया ट्रांसफर या प्रिंटआउट नहीं था। एक व्यक्ति आया और पेपर पूरा हल कर दिया।” सीबीआई सूत्रों ने कहा कि लीक से चार जगहों को छोड़कर ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन उस मामले में भी, छात्र इसका ज्यादा फायदा नहीं उठा सके, क्योंकि वे इतने तेज नहीं थे और समय की भी कमी थी।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया, “नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की भूमिका एक समिति तय करेगी। हमने राउंड-अप जांच का एक हिस्सा पूरा कर लिया है और हम बड़ी साजिश की जांच करने के लिए आगे बढ़ेंगे।”
CBI ने दर्ज की हैं 6 FIR
मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में कथित गड़बड़ियों की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी ने छह FIR दर्ज की हैं। बिहार की FIR पेपर लीक से जुड़ी है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र की बाकी FIR फर्जी कैंडिडेट और धोखाधड़ी से जुड़ी हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर एजेंसी की FIR, NEET-UG 2024 में कथित अनियमितताओं की “व्यापक जांच” से जुड़ी है।
[ad_2]
Source link