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नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने कहा कि NEET-UG में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,563 उम्मीदवारों में से कम से कम 750 ने रविवार को दोबारा परीक्षा नहीं दी। जबकि उनमें से 813 छात्र रीटेस्ट में शामिल हुए। चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा और मेघालय के सेंटर्स पर दोबारा परीक्षा हुई। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कम से कम 52 प्रतिशत – 1,563 उम्मीदवारों में से 813 – रविवार को रीटेस्ट में शामिल हुए।”
छत्तीसगढ़ में 602 में से 291 पात्र उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए, हरियाणा में 494 में से 287 और मेघालय में 464 में से 234 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए। चंडीगढ़ में दोनों पात्र उम्मीदवार नहीं पहुंचे। जबकि एक छात्र ने गुजरात के सेंटर में परीक्षा दी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सात सेंटर पर दोबारा परीक्षा कराई गई। पांच मई को NEET-UG की परीक्षा के दौरान जिन छह सेंटर पर परीक्षा देर से शुरू हुई, वहां समय के नुकसान की भरपाई के लिए ग्रेस मार्क्स दिए गए थे।
कई छात्रों को NTA ने परीक्षा देने से रोका
मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में कथित पेपर लीक और गड़बड़ी को लेकर उठे विवाद के बीच NTA ने रविवार को 17 अभ्यर्थियों को परीक्षा देने से रोक दिया, जो पांच मई को बिहार के सेंटर पर परीक्षा देने पहुंचे थे।
एजेंसी ने पहले भी परीक्षा में गलत साधन अपनाने के आरोप में 63 अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर कर दिया था। शनिवार को गुजरात के गोधरा से 30 और अभ्यर्थियों के भी परीक्षा देने पर रोक लगा दी गई थी।
परीक्षा पर सवाल तब खड़े हुए, जब एक ही सेंटर के छह छात्रों ने 61 कैंडिडेट के साथ पूरे 720 में 720 अंक हासिल किए, जिसके कारण मार्क्स बढ़ने का आरोप लगा।
क्या है NEET पेपर विवाद?
परीक्षा 5 मई को 4,750 सेंटर पर कराई गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने इसमें भाग लिया था। एग्जाम का रिजल्ट 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन अचानक ही 4 जून को घोषित किए गए, क्योंकि आंसर की से मिलान पहले ही पूरा हो गया था।
NTA के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक हासिल किए, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक सेंटर से छह छात्रों ने टॉप किया, जिससे परीक्षा में गड़बड़ का शक पैदा हो गया है।
इस प्रतिष्ठित परीक्षा में बिहार जैसे राज्यों में पेपर लीक और दूसरी खामियों के आरोप लगे हैं। आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं।
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