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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) का शीर्ष नेतृत्व प्रतियोगी परीक्षाओं-नीट और नेट में कथित गड़बड़ियों को लेकर जांच के दायरे में है। हालांकि, उन्होंने CSIR-UGC NET में किसी भी तरह के पेपर लीक से इनकार किया, जिसे एक दिन पहले टाल दिया गया था। मंत्री ने कहा कि वह छात्रों के हितों के संरक्षक हैं और कोई भी कदम उठाने से पहले उन्हें इस बात को ध्यान में रखना होगा। मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम NEET में खामियों को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधान ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि वो उन लाखों उम्मीदवारों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकते, जिन्होंने सही तरीके से परीक्षा पास की है।
ज्वाइंट CSIR और UGC-NET की जून की परीक्षा शुक्रवार रात स्थगित कर दी गई। ज्वाइंट CSIR-UGC-NET परीक्षा जूनियर रिसर्च फेलोशिप और असिस्टेंट प्रोफेसर और साइंस कोर्स में PhD में एडमिशन के लिए के लिए कराई जाती है।
क्यों स्थगित हुई CSIR-UGC NET परीक्षा?
प्रधान ने मीडिया से कहा, “CSIR-UGC NET में कुछ भी लीक नहीं हुआ था, इसे संसाधन से जुड़े मुद्दों के कारण स्थगित कर दिया गया। कल नीट के 1,563 उम्मीदवारों की भी फिर से परीक्षा है। सभी जगहों पर परीक्षा को सुचारू ढंग से कराने के लिए यह निर्णय लिया गया।’’
NTA की भूमिका की जांच के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने कहा, “मैं पहले ही कह चुका हूं कि ये संस्थागत विफलता है। मैंने जिम्मेदारी ली है। NTA का शीर्ष नेतृत्व कई तरह के सवालों के घेरे में है, लेकिन मुझे सबसे पहले छात्रों के हितों की रक्षा करनी है। मैं उनके हितों का संरक्षक हूं।”
इस हफ्ते की शुरुआत में मंत्रालय ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध यूनिट (EOU) से रिपोर्ट मांगी थी, जो नीट में पेपर लीक के आरोपों की जांच कर रही है। उन्होंने कहा, “रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है…लेकिन ये तय है कि किसी भी अनियमितता में शामिल या जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।”
गोधरा में पेपर लीक से इनकार
गुजरात के गोधरा में गड़बड़ियों पर मंत्री ने कहा कि गोधरा में मामला पेपर लीक का नहीं, बल्कि संगठित धोखाधड़ी का था और 30 छात्रों को परीक्षा से देने से रोक दिया गया है।
उन्होंने कहा, “गुजरात का मामला लीक का नहीं है…पुलिस ने एहतियाती कार्रवाई की, टेलीफोन पर हुई कुछ बातचीत का पता लगया। धांधली के प्रयास किए गए, इसमें शामिल पाए गए 30 छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया है। ये देश भर के उन 63 छात्रों के अलावा हैं, जिन्हें अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने के कारण नीट देने से रोक दिया गया था।”
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) और नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) में कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्र सरकार आलोचनाओं के घेरे में है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा का प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हो गया था, जिसकी जांच बिहार पुलिस कर रही है। वहीं, UGC NET को परीक्षा की शुचिता से समझौता किए जाने की सूचना मिलने के बाद एक दिन बाद ही रद्द कर दिया गया। CBI मामले की जांच कर रहा है।
शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के जरिए परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक हाई लेवल समिति बनाई है।
केंद्र सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और गड़बड़ियों पर नियंत्रण लगाने के मकसद से शुक्रवार को एक कड़ा कानून लागू किया। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 10 साल की कैद और एक करोड़ रुपए तक के अर्थदंड का प्रावधान है।
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