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Budget 2024-25: केंद्र सरकार आगामी बजट में रोबोट टैक्स (Robot Tax) ला सकती है। देश के कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को यह टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। वित्त मंत्री ने बजट से पहले बुधवार को देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने और ग्रेजुएट्स को रोजगार के लायक बनाने के सुझाव दिए गए। सबसे अहम सुझावों में से एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल के रोजगार पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए Robot Tax लागू करना था।
अगर अर्थशास्त्रियों के सुझावों पर अमल किया गया तो सरकार बजट 2024-25 में रोबोट टैक्स लागू करने का ऐलान कर सकती है। AI के बढ़ते इस्तेमाल के बीच दुनिया के कई अन्य देश भी इस टैक्स पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई के दूसरे पखवाड़े में बजट पेश करेंगी।
बजट के लिए वित्त मंत्री ने इंडस्ट्री के विभिन्न प्रतिनिधियों और अर्थशास्त्रियों के साथ सलाह-मशविरा का दौर शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बुधवार को अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री सीतारमण से मुलाकात की। इस बैठक में ग्रोथ में तेजी, फिस्कल पॉलिसी, निवेश और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने जैसे विषयों पर चर्चा की गई। फूड इंफ्लेशन और कर्ज के मैनेजमेंट पर भी चर्चा है। रोबोट टैक्स भी चर्चा का विषय रहा।
अर्थशास्त्रियों को कहना था कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल बढ़ने से सभी सेक्टर में अनस्किल्ड कर्मचारियों की भारी मात्रा में छंटनी की आशंका है। ऐसे में ‘रोबोट टैक्स’ लगाने से सरकार को AI-आधारित छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों के रीसेटलमेंट के फंड मिल सकता है। साथ ही इससे बेरोजगार हुए कर्मचारियों को फिर से स्किल ट्रेनिंग भी दी जा सकती है।
अर्थशास्त्रियों का कहना था कि ऐसा नहीं है कि AI से सिर्फ नौकरी ही जाएगी। बल्कि इससे भविष्य में कई सेक्टर्स में नौकरी के अवसर खुलेंगे और कुछ नए सेक्टर्स भी पैदा हो सकते हैं। इसीलिए उन्होंने रोबोट टैक्स का विचार दिया है। इस टैक्स से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल उन कर्मचारियों को कुशल बनाने पर खर्च किया जा सकता है जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है। इस बीच अर्थशास्त्रियों ने आगामी बजट में घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के साथ निजी निवेश को और बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की।
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