RSS के कार्यक्रमों में अब शामिल हो सकेंगे सरकारी कर्मचारी! केंद्र ने हटाया बैन, विपक्ष हुआ हमलावर – rss linked ban lifted govt employees can take part in mohan bhagwat events opposition including congress attacked

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Govt Employees In RSS Events: सरकारी कर्मचारी अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने RSS की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे प्रतिबंध को 58 साल बाद हटा दिया है। हालांकि, सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन शीर्ष सरकारी सूत्रों ने News18 से बातचीत में इस आदेश की पुष्टि की है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी आदेश का स्क्रीनशॉट शेयर किया। उन्होंने कहा कि 58 साल पहले जारी एक ‘असंवैधानिक’ निर्देश को मोदी सरकार ने वापस ले लिया है।

कांग्रेस ने पिछले सप्ताह जारी एक कथित आधिकारिक आदेश का हवाला देते हुए दावा किया है कि RSS की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है। कांग्रेस नेताओं द्वारा X पर पोस्ट किए गए कथित आधिकारिक आदेश की सत्यता का फिलहाल पता नहीं चल सका है। लेकिन अमित मालवीय ने भी आदेश का स्क्रीनशॉट शेयर किया और कहा कि 58 साल पहले जारी एक असंवैधानिक निर्देश को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वापस ले लिया है।

क्या है आदेश में?

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा नौ जुलाई को जारी एक कार्यालय ज्ञापन साझा किया, जो आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी से संबंधित है। पीटीआई के मुताबिक आदेश में कहा गया है, “उपर्युक्त निर्देशों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए।”

आदेश की तस्वीर के साथ एक पोस्ट में रमेश ने कहा, “फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।” उन्होंने पोस्ट में कहा, “1966 में आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था। यह 1966 में प्रतिबंध लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है।”

रमेश ने कहा, “4 जून 2024 के बाद स्वयंभू नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और आरएसएस के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है। 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था।” रमेश ने कहा, “मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है।”

अमित मालवीय का पोस्ट वायरल

कांग्रेस नेता ने यह बात आरएसएस की खाकी निक्कर वाली पोशाक की ओर इशारा करते हुए कही, जिसे 2016 में भूरे रंग की पतलून से बदल दिया गया। 9 जुलाई के आदेश को टैग करते हुए BJP नेता अमित मालवीय ने कहा, “58 साल पहले 1966 में जारी असंवैधानिक आदेश, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था, मोदी सरकार द्वारा वापस ले लिया गया है।” बीजेपी नेता ने कहा कि मूल आदेश को पहले ही पारित नहीं किया जाना चाहिए था।

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RSS ने किया फैसले का स्वागत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने सरकारी कर्मचारियों के संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगी रोक हटाने के केंद्र सरकार के फैसले का सोमवार को स्वागत किया है। RSS ने कहा कि फैसले से देश की लोकतांत्रिक प्रणाली मजबूत होगी। उसने पूर्ववर्ती सरकारों पर अपने राजनीतिक हितों के कारण सरकारी कर्मचारियों को संघ की गतिविधियों में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित करने का आरोप भी लगाया।

प्रतिबंध हटाने संबंधी सरकारी आदेश के सार्वजनिक होने के एक दिन बाद आरएसएस प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने एक बयान में कहा, “सरकार का ताजा फैसला उचित है और यह भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करेगा।” विपक्ष के कई नेताओं ने सरकारी कर्मचारियों पर संघ की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर लगा प्रतिबंध हटाने के केंद्र के फैसले की आलोचना की है।



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