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महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group) ने मंगलवार 10 सितंबर को बयान जारी करके कांग्रेस पार्टी का बिना नाम लिए उसके लगाए आरोपों को झूठा और भ्रामक बताया। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया था महिंद्रा एंड महिंद्रा ने SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच को उनकी एडवाइजरी के बदले पेमेंट्स किया था। कांग्रेस ने कहा था कि यह हितों के टकराव का मामला बनता है क्योंकि SEBI ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के पक्ष में कई ऑर्डर जारी किए थे। महिंद्रा ग्रुप ने अब एक बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन किया है। ग्रुप ने कहा कि बुच को सप्लाई चेन में उनकी विशेषज्ञता के लिए नियुक्त किया गया था और SEBI के जिन ऑर्डर की बात की जा रही, वह किसी भी तरह से प्रासंगिक नहीं है।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में महिंद्रा ग्रुप ने बताया कि महिंद्रा समूह ने कहा कि धवल बुच को जो पेमेंट्स किया गया, वह सप्लाई चेन के फील्ड में उनकी विशेषज्ञता और मैनेजमेंट कौशल के लिए दिया गया था और जो यूनिलीवर में हासिल किए उनके ग्लोबल अनुभव पर आधारित था। बयान में कहा गया है, “हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि हमने कभी भी SEBI से किसी भी तरह का पक्ष लेने का अनुरोध नहीं किया है।” बयान में किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कंपनी ने सभी आरोपों को ‘झूठा और भ्रामक प्रकृति का’ बताया है।
इससे पहले कांग्रेस ने दिन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके माधबी पुरी बुच पर कई नए आरोप लगाए। पार्टी ने दावा किया कि SEBI का मेंबर बनने के बाद बुच और उनके पति ने अपनी एडवाइजरी फर्म के जरिए कमाई करना जारी रखा।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हिंडनबर्ग रिपोर्ट में एक कंपनी अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड का नाम सामने आया था, जो कि 7 मई 2013 में रजिस्टर हुई थी। यह कंपनी माधबी पुरी बुच और उनके पति की है, लेकिन माधबी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद इस बात का खंडन किया था। उस खंडन में उन्होंने लिखा कि जब वो SEBI में चली गई, तब से यह कंपनी Dormant (निष्क्रिय) है। लेकिन इस कंपनी में अभी भी 99% हिस्सेदारी माधबी की है।”
खेड़ा ने आगे कहा, “जब आप कहीं नौकरी करते हैं तो वहां कुछ नियम होते हैं, लेकिन माधबी ने सभी नियमों को ताक पर रख दिया। माधबी ने Agora के जरिए 2 करोड़ 95 लाख रुपए कमाए। इसमें सबसे ज्यादा 88% पैसा महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) से आया। वहीं, माधबी पुरी के पति धवल बुच को साल 2019-21 के बीच में महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी से 4 करोड़ 78 लाख रुपए मिले। वो भी तब.. जब माधबी पुरी बुच SEBI में पूर्ण-कालिक सदस्य थीं। ऐसे में यह नियमों का उल्लंघन है। इस दौरान SEBI ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के पक्ष में कई आदेश भी जारी किए थे।”
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