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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE स्पेशल प्री-ओपन सेशन के दौरान स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज (SME) के IPO के लिए इश्यू प्राइस पर 90% का प्राइस कंट्रोल कैप लगाएगा। NSE ने आज 4 जुलाई को एक सर्कुलर जारी करते हुए यह जानकारी दी। यह सर्कुलर तत्काल प्रभाव से यानी आज 4 जुलाई 2024 से लागू गया है। एनएसई ने यह भी कहा कि 90 फीसदी का प्राइस कंट्रोल कैप केवल SME सेगमेंट पर लागू होगा, न कि मेनबोर्ड आईपीओ/रि-लिस्टेड सिक्योरिटीज/पब्लिक डेट पर।
बता दें कि हाल ही में कई SME IPO के शेयरों में लिस्टिंग के साथ ट्रेडिंग के पहले दिन ही बहुत ज्यादा तेजी देखने को मिली है। दोनों स्टॉक एक्सचेंजों पर 2024 में अब तक SME सेगमेंट में करीब 120 कंपनियां लिस्ट हो चुकी हैं। इनमें से करीब 35 कंपनियों के शेयरों में लिस्टिंग डे पर 99 फीसदी से 415% की रेंज में तेजी देखी गई।
NSE ने जारी किया सर्कुलर
NSE ने सर्कुलर में कहा कि SME प्लेटफॉर्म के आईपीओ के लिए स्पेशल प्री-ओपन सेशन के दौरान एक्सचेंजों में ओपनिंग प्राइस डिस्कवरी/संतुलन मूल्य को स्टैंडर्डाइज्ड करने के लिए SME IPO के लिए इश्यू प्राइस पर 90 फीसदी तक का ओवरऑल कैपिंग तय करने का निर्णय लिया गया है।
मार्च में मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि बाजार नियामक ने “SME सेगमेंट में हेरफेर के संकेत” देखे हैं। रेगुलेटर SME के लिए एक ऐसा लिस्टिंग माहौल प्रदान करने की कोशिश कर रही है जो मेनबोर्ड की तुलना में अधिक सुविधाजनक और कम रेगुलेटेड हो। उन्होंने कहा कि रेगुलेटर को फीडबैक मिला कि कुछ एंटिटी इस सुविधाजनक ढांचे का दुरुपयोग कर रही हैं।
SME IPO ने 2023 में आकर्षित किए रिकॉर्ड तोड़ निवेश
रिकॉर्ड तोड़ निवेश आकर्षित के चलते SME IPO 2023 में चर्चा में रहे। पिछले वर्ष के दौरान रिकॉर्ड 176 कंपनियों ने BSE SME और NSE इमर्ज प्लेटफॉर्म से 4,842 करोड़ रुपये जुटाए। जबकि कंपनियों ने केवल 4842 करोड़ रुपये जुटाने का इरादा किया था। इनके लिए रिकॉर्ड 2.8 लाख करोड़ रुपये के आवेदन जमा किए गए।
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